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राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की जिला महिला समूह बैठक गाड़ी लौहार चित्तौड़गढ़ में संपन्न,आज महिलाएं हर क्षेत्र मे अपना परचम लहरा रही:प्रधान आक्या* जिले भर की महिला शिक्षको का हुआ समागम


दर्शन न्यूज़ चित्तौड़गढ़ रिपोर्टर प्रवीण मेहता
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की जिला महिला समूह बैठक रविवार को रा उ प्रा वि गाड़ी लौहार में आयोजित हुई।
जिला अध्यक्ष तेजपाल सिंह शक्तावत और जिला मंत्री प्रकाश चंद्र बक्शी ने बताया कि उक्त आयोजन दो सत्रो में हुआ, जिसमे उद्घाटन व प्रथम सत्र की अध्यक्षता मधु जैन जिला मंत्री ने की ।मुख्य अतिथि सुशीला कंवर आक्या प्रधान पंचायत समिति भदेसर व मुख्य वक्ता राष्ट्रीय सेविका संघ की वंदना वजीरानी रही।अतिविशिष्ट अतिथि रमेश चंद्र पुष्करणा प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय रहे। विशिष्ट अतिथि जिला उपाध्यक्ष नौसर जाट ने अतिथि परिचय करा स्वागत उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सुशीला कंवर आक्या प्रधान पंचायत समिति भदेसर ने उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। हर क्षेत्र में महिलाएं अपनी मेहनत और योग्यता से अपना परचम लहरा रही हैं ।उन्होंने महिला समूह को कहा कि आप किसी भी समस्या से विचलित नहीं होते हुए आगे बढ़े और अपने लक्ष्य को प्राप्त करें ।महिलाओं के स्वाभिमान और सम्मान की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहूंगी ।
प्रदेशाध्यक्ष पुष्करणा ने कहा कि भारत विश्व में सांस्कृतिक रूप से श्रेष्ठ हैं। हमने समाज, कला ,विज्ञान और तकनीकी में श्रेष्ठ आयाम स्थापित किया। दिल्ली का लोह स्तंभ ,अजंता एलोरा की गुफाएं हमारे श्रेष्ठ विज्ञान का उदाहरण है। मातृशक्ति का हमेशा ही हमारे सांस्कृतिक विरासत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है ।मां बालकों की प्रथम गुरु हैं, आजादी के अमृत काल में हम पुनः अपनी भारतीय संस्कृति दर्शन कर रहे हैं। स्वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी हमें लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पढ़ाई जाती है यह दुर्भाग्य का विषय है ।नई शिक्षा नीति इस दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने का कार्य करने वाली है। राष्ट्र निर्माण में माता का हमेशा महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मुख्य वक्ता वजीरानी ने कहा कि भारत की महिलाओं और मातृशक्ति को जागृत करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वयंसेविका संघ की स्थापना की गई। आजादी के अमृत काल में चंद्रयान तीन मिशन में महिलाओं का विशेष योगदान रहा और सनातन संस्कृति को मानने वाले मातृशक्ति वैज्ञानिकों ने अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया ।महिलाओं ने सनातन संस्कृति , परंपरा व हमेशा ही आध्यात्मिक कार्यों में भाग लेकर संस्कृति का पोषण किया है। आज भी हर घर में महाभारत के रूप में संघर्ष है ,इस संघर्ष को खत्म करने के लिए मातृ शक्ति को नेतृत्व करते हुए नकारात्मक विचारों पर विजय प्राप्त करनी है ।आज आजादी के अमृत काल में विमर्श के माध्यम से सही और तथ्यात्मक जानकारी को हम आगे बढ़ाएं ,साथ ही गलत और नकारात्मक चीजों को अपने स्तर पर ही रोक लें । राष्ट्र निर्माण मे महिला शिक्षक की भूमिका के संदर्भ कहा कि नई शिक्षा नीति का विकास भारत में पुनः भारतीय संस्कृति की स्थापना के उद्देश्य से बालकों में शिक्षा, स्वरोजगार ,अन्य प्रतिभाओं की पहचान कर बालकों को आगे बढ़ने का कार्य करेगी ।देश रक्षा परम पूज्यम, देश रक्षा प्रथमम के भाव के साथ हमें भारत का गौरव पुनः स्थापित करना है।कार्यक्रम के द्वितीय सत्र की अध्यक्षता जिला महिला संगठन मंत्री दीपिका झाला ने की। मुख्य अतिथि अरविंद व्यास प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ ने की।विशिष्ट अतिथि बंसती सुथार सचिव महिला रही। द्वितीय सत्र का अतिथि परिचय अनुराधा नराणीया ने कराया।
महासंघ प्रदेशाध्यक्ष व्यास ने बैठक में उपस्थित मातृशक्ति को संबोधित करते हुए बताया कि विश्व गुरु भारत को हम माता के रूप में पूजते हैं ।हमारे देश में मातृशक्ति का हमेशा ही आदर भाव रहा है। महिलाओं ने हमेशा ही श्रेष्ठ संस्कार और अनुशासन का उदाहरण पेश किया है।महारानी अहिल्याबाई अनुशासन का अनुपम उदाहरण है। भारत में श्रेष्ठ महापुरुषों और उनके श्रेष्ठ जीवन में पन्नाधाय व जीजाबाई जैसी माताओ का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। आज भी माताएं दोहरी भूमिका में परिवार और देश का पोषण कर रही है । आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है ।माताएं अपने घर में रामायण , गीता,पूजा पाठ और सनातन संस्कृति का श्रेष्ठ उदाहरण स्वयं प्रस्तुत करके अपने बालकों में संस्कार निर्माण करती हैं।जिला सभाध्यक्ष सैयद मुकर्रमअली, उपसभाध्यक्ष कमलेश कुमार उपाध्याय, महासंघ के प्रदेश संयुक्त मन्त्री गोपाल लाल शर्मा व जिला महामंत्री भंवर सिह गौड़, जिला कोषाध्यक्ष नर्बदा शंकर पुष्करणा,जिला संगठन मंत्री रमेश चंद्र पुरोहित,जिला प्रबोधक प्रतिनिधि चंदन सिंह शक्तावत, संस्कृत सचिव मुकेश चन्द्र त्रिपाठी ,कपासन उपशाखा से राजेंद्र कुमार व्यास व शांतिलाल शर्मा, चित्तौड़गढ़ से जोगेन्द्र सिह राणावत व राम-लक्ष्मण त्रिपाठी, भदेसर से सुनिल भारद्वाज, शंकर लाल भांम्बी व घनश्याम धारीवाल, डूगंला से पूरणमल लौहार, बैगू से निर्मल खटाणा, भूपाल सागर से सूबेसिह व महेश शर्मा, निम्बाहेड़ा से गोपाल लाल शर्मा व सुरेशचन्द्र प्रजापत, बड़ीसादडी से गोपाल लाल टेलर आदि का सम्मान किया गया।उपशाखा महिला मंत्री कपासन ममता रानी शर्मा, राशमी कविता अहीर, भूपाल सागर दुर्गा वर्मा ,बेंगू नेहारानी सोनी, गंगरार सरिता, डूंगला रेखा उपाध्याय, निंबाहेड़ा सुनीता शर्मा, बड़ी सादड़ी मीनू स्वर्णकार आदि सहित लगभग दौ सो महिला शिक्षक उपस्थित रही।

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