दर्शन न्यूज़ चित्तौडग। आत्महत्या नही किसी समास्या का हल। डाॅ रामकेश गुर्जर ने बताया कि आज के समय में नवयुवक अवसाद के चलते आत्महत्या को गले लगा लेते है। आत्महत्या अनुचित ही नही अपितु अपराध है। जीवन में अनेको सघर्ष है। सीएमएचओ आज आत्महत्या रोकथाम दिवस के जागरूकता कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होने बताया कि युवा पीढी कठिनाईयो से घबरा कर आत्महत्या को गले लगा लेते है।
अपनी ईच्छाओ को, आवश्यकताओ को नियंत्रित कर सरलता पूर्वक, सहजता पूर्वक जीवन जीना चाहियें। विचारो को सकारात्मक रखे जीवन में आनन्द की प्राप्ति होती है। उन्होने बताया कि विषाद मुक्त, मानसिक तनाव मुक्त नियमित सदविचारो के अध्ययन से जीवन में समस्याओ व कठिनाईयो का अंत होता है। आर्थिक एंव मानसिक सन्तुलन बनाये रखना जीवन का एक मूल मंत्र है। नवयुवको को एकाग्रता, सकारात्मक सोच के साथ जीने की कला को आत्मसात करना चाहिये। सकारात्मक सोच के कारण मेटाबॉलिज्म संतुलित होता है, जिसके कारण मनोविकार उत्पन्न नहीं होते हैं। सकारात्मक सोच, तनाव को ऊर्जा में रूपांतरित करके व्यक्ति की ताकत बना देते हैं। इसलिए नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहे और एक्सरसाइज, योग प्राणायाम, डायरी राइटिंग, पेंटिंग, अच्छा साहित्य पढ़ना चाहिए। ये हैं लक्षण बच्चों के स्वभाव में सतत परिवर्तन दिखाई दे, जैसे नींद में कमी, भोजन में अरुचि, अकेला रहने की आदत, चिड़चिड़ापन, नकारात्मक प्रवृत्ति, आक्रामकता, संवेगिक अस्थिरता आदि मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक लक्षणों को कदापि अनदेखा न करें। आवश्यकता पड़ने पर मनोचिकित्सक की सलाह भी जरूर लें। मानसिक विकार की चपेट में आने से बचे।
इस मौके पर स्टाॅफ को आत्महत्या रोकथाम की शपथ दिलावाई गई।
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