श्री सांवलियाजी चौराहे पर सिंहद्वार बनवाने की आपत्ति को लेकर कपासन विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने नाराजगी जताई। विधायक नगर पालिका अध्यक्ष और पार्षदों के साथ जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर पीयूष सामरिया से मिले। इस दौरान विधायक जीनगर कहा कि सिंहद्वार के विरोध में अंजुमन कमेटी ने एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें उन्होंने सामाजिक सौहार्द खराब होने की बात लिखी थी। विधायक का कहना है कि जब सांवलिया जी मंदिर मंडल के रुपयों से सड़कें और धर्मशाला सहित कई चीजें बनाई गई तब किसी ने विरोध नहीं जताया। एक स्वागत गेट बनाने से कैसे सामाजिक सौहार्द कैसे बिगड़ सकता है।
बोर्ड के भंग होते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया प्रस्ताव
अर्जुन लाल जीनगर ने कहा कि श्री सांवलिया जी मंदिर मंडल ने साल 2021 में मंडफिया से कपासन के बीच सांवलियाजी चौराहे पर एक सिंहद्वार बनाने का फैसला किया था। वहां एक यात्री वेटिंग रूम बनाने का भी प्रस्ताव था। दोनों ही खर्च मंदिर मंडल की ओर से किया जाना था। साल 2021 में भाजपा समर्थित बोर्ड कार्यरत था, जिसमें विधायक खुद बोर्ड मेंबर थे। इसके बाद जब कांग्रेस की सरकार ने बोर्ड भंग कर उनकी पार्टी समर्थित सदस्यों को मनोनीत किया, तब उन्होंने इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इसके बाद कपासन नगर पालिका की साधारण सभा की मीटिंग में विधायक और 22 सदस्यों की सहमति से यह स्वागत द्वार का निर्माण करवाने का फैसला किया। सिंहद्वार के निर्माण के लिए टेंडर निकाला जा चुका था।
सौंपे ज्ञापन में सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की टिप्पणी की
टेंडर आमंत्रित करते ही अंजुमन कमेटी द्वारा जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा गया था। उसमें एक टिप्पणी भी की गई थी कि इस स्वागत दरवाजे के बनने से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। जिला कलेक्टर ने इस ज्ञापन पर एक्शन लेते हुए कमेटी बनाया गया। इस कमेटी में पालिका अध्यक्ष मंजू देवी सोनी को शामिल भी नहीं किया गया। इसके बाद जिला कलेक्टर की ओर से अभी तक स्वीकृति भी नहीं दी गई। अगस्त महीने में अधिशासी अधिकारी ने एक नोटिस जारी किया जिसमें लिखा हुआ था कि नगर पालिका प्रशासन द्वारा जिला कलेक्टर के बिना स्वीकृति के टेंडर आमंत्रित नहीं कर सकते।
स्वागत द्वार से कैसे बिगड़ सकता है सामाजिक सौहार्द
विधायक जीनगर ने बताया कि कलेक्टर को सौंप गई रिपोर्ट में भी सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की टिप्पणी लिखी हुई थी। उन्होंने कहा कि मंदिर मंडल के पैसे से जब 16 करोड रुपए की सड़क बनाई गई। चित्तौड़गढ़ में धर्मशाला बनाई गई और अन्य कई कार्य किए गए, तब अगर सामाजिक सौहार्द नहीं बिगड़ा है तो एक स्वागत द्वार से सामाजिक सौहार्द कैसे बिगड़ सकता है। उन्होंने नाराजगी की जताते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणी सही नहीं है। एक अच्छे काम को इस तरह से रोका जाना भी सही नहीं है। उन्होंने जिला कलेक्टर से मिलकर इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई।