जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनावों से पहले सियासी पर्दे पर किरदार तो दिखाई दे रहे हैं, पर सियासी नाटक का मंचन तो पर्दे के पीछे ही चल रहा है। पर्दे पर इस वक्त पूर्व स्पीकर कैलाश मेघवाल, जोधपुर से विधायक सूर्यकांता जीजी इस वक्त चर्चा में है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई ज्योति मिर्धा भी एक किरदार हैं, लेकिन पॉलिटिकल इंटेलीजेंस करने वालों का कहना है कि दोनों ही दलों के आलाकमान एक दूसरी पार्टी में सेंध लगाने वाले नेताओं से अति गोपनीय मुलाकातें कर रहे हैं। ऐसे लोगों की पार्टी की ओर से भी इंटेलीजेंस करवाई जा रही है।
पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा के बीजेपी में शामिल होने के बाद बीजेपी के कुछ नेता कांग्रेस आलाकमान या यूं कहें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनके समर्थकों के संपर्क में है। नाम फिलहाल कैलाश मेघवाल व सूर्यकांता जीजी का सामने आ रहा है, लेकिन इन दोनों बुजुर्ग नेताओं का अपने क्षेत्र में इतना वर्चस्व है कि इनको किसी पार्टी बैनर की जरूरत नहीं है। दरअसल दोनों ही पार्टियों में कुछ युवा नेताओं के नाम भी सामने आ रहे हैं जो एक दूसरी पार्टी के नेताओं से संपर्क जारी रखे हुए हैं।
चुनावों से पहले अभी इस सफर की शुरुआत है। आने वाले समय में जो खेल पर्दे के पीछे चल रहे हैं, वो परिणाम के रूप में पर्दे पर भी दिखाई देंगे। बताया जा रहा है कि बीजेपी में पर्दे के पीछे चल रही सियासत का नतीजा है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वरीयता के दौड़ में बीजेपी के अन्य नेताओं को पीछे छोड़ चुकी है। कूटनीति के जरिये वसुंधरा राजे ने अब विरोधियों में भी अपनी स्वीकार्यता बढ़ा ली है। लेकिन बीजेपी अब जो भी निर्णय करे, सही फैसले लेने में देरी हो चुकी है।