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बारिश ने गर्मी से दी राहत, येलो अलर्ट जारी:17 सितंबर तक अच्छी बरसात की संभावना, मूंगफली और सोयाबीन की फसलों को होगा फायदा

चित्तौड़गढ़ में अगस्त महीना पूरी तरह सुखा निकलने के बाद अब फिर से मानसून एक्टिव हो गया है। जिले में कुछ क्षेत्रों में तो कई दिनों से अच्छी बारिश हो रही है लेकिन शहरी क्षेत्र में आज शनिवार से अच्छी बारिश शुरू हो गई है।

मौसम विभाग के अनुसार 17 सितंबर तक हेवी रैन, मेघ गर्जन और आकाशीय बिजली के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, कृषि अधिकारी का कहना है कि बाद में बोई गई मूंगफली, सोयाबीन के फसलों को फायदा पहुंचेगा। इसके अलावा अगर बहुत ज्यादा बारिश नहीं होती है तो खड़ी फसलों को फायदा होगा।

शहर में कुछ दिनों से दिन भर धूप और बादलों की लुकाछिपी चलने के कारण तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है। उमस ने भी लोगों की परेशानी बढ़ा दी थी। लेकिन आज सुबह से पहले रिमझिम बारिश और 10 बजे बाद तेज बारिश ने गर्मी से राहत दिला दी।

तेज बारिश के साथ तेज हवाओं ने भी मौसम में ठंडक घोल दी है। कुछ दिनों में बढ़ी गर्मी से तापमान में भी बढ़ोतरी हो गई थी। शहर में मैक्सिमम तापमान 33.1 और न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।

17 सितंबर तक हेवी रैन होने की संभावना जताई जा रही है।
17 सितंबर तक हेवी रैन होने की संभावना जताई जा रही है।

17 सितंबर तक बारिश की संभावना
चित्तौड़गढ़ शहर को छोड़कर पूरे जिले में कई जगहों पर अच्छी बारिश हुई है। जिसके कारण औसतन बारिश में भी थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। जिले में 1 जून से अब तक 484.18 एमएम बारिश हो चुकी है जो ऑस्टिन बारिश का 64.56 प्रतिशत है।

चित्तौड़गढ़ शहर में शुक्रवार को दो एमएम, राशमी में 4 एमएम, निंबाहेड़ा, भैंसरोडगढ़ और भदेसर में एक एमएम, भूपालसागर में 3 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार चित्तौड़गढ़ में 17 सितंबर तक भारी बरसात हो सकती है इसके अलावा आकाशीय बिजली और मेघ गर्जन भी होंगे। उसके बाद फिर से मानसून थम जाएगा।

मूंगफली और सोयाबीन की लेट बुवाई करने वाले किसानों को मिलेगा फायदा
कृषि अधिकारी का कहना है कि जिन किसानों ने मूंगफली और सोयाबीन की लेट बुवाई की है, उन फसलों को फायदा मिलेगा। जिन किसानों के खेत खाली है, वह अभी इस बारिश के चलते चना और सरसों की बुवाई कर सकते हैं।

जिले में अभी तक कहीं पर भी फसलें कटी नहीं है इसीलिए कोई दिक्कत नहीं होगी। इसके अलावा जिले में इतनी बारिश भी नहीं हुई की खड़ी फसल खराब हो सके। कुछ किसानों ने सोयाबीन कि पहले बुवाई की थी, उन लोगों को दिक्कत आ सकती है लेकिन उसका क्षेत्र बहुत ही काम है।

Darshan-News
Author: Darshan-News

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