खेत पर मूंगफली निकालने का काम करते एक महिला की गर्दन थ्रेसर मशीन में फंस गई। महिला की चीख सुनकर उसकी 17 साल बेटी ने सूझबूझ से अपनी मां की जान बचा ली। हालांकि महिला को सिर पर गंभीर चोटें आई हैं और कोटा राजकीय अस्पताल में इलाज चल रहा है। मामला चित्तौड़गढ़ के रावतभाटा कस्बे का है।
शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे भैंसरोडगढ़ थाना क्षेत्र के जगपुरा गांव में गीता बाई (58) थ्रेसर मशीन से मूंगफली निकाल रही थी। अचानक गीता के साड़ी का पल्लू मशीन के पंखे में फंस गया। साड़ी उलझते हुए गले में फांसी जैसा फंदा बन गया और गीता थ्रेसर के अंदर खिंचने लगी। खुद को फंसता देख गीता चिल्लाने लगी।
गीता की 17 साल की बेटी चंदा वैष्णव ने बताया कि, ‘मां की चीख सुनकर दौड़ी और पास जाकर देखा तो मां का सिर लगभग थ्रेसर मशीन में जाने वाला था। मां के पूरे बाल मशीन में फंसे हुए थे। साड़ी गले में उलझी थी। इसपर मैंने तुरंत अपना हाथ अंदर डालकर पूरी ताकत लगाकर मां को अंदर जाने से रोका और शोर करके पिता को बुलाया। इसके बाद पिता दौड़कर आए और मां को पकड़ा। फिर मैंने कैंची से मां के बाल और साड़ी काटकर बाहर निकाला।
गीता के पति बालचंद वैष्णव (61) ने बताया कि, गीता के गले में साड़ी का फंदा लगने से वह बेहोश होकर गिर पड़ी। वहीं उसके सिर पर गंभीर चोट आई। हम वहां काम कर रहे मजदूरों की मदद से गीता को रावतभाटा उपजिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर्स ने प्राथमिक उपचार कर गीता को कोटा रेफर कर दिया।
फिलहाल, कोटा जिला अस्पताल में गीता का इलजा चल रहा है, जहां उसकी जान खतरे से बाहर बताई जा रही है। सिर पर गहरे जख्म हैं। डॉक्टर्स ने सीटी स्कैन कर अंदरूनी चोटों की जांच कर इलाज शुरू कर दिया है।