टिकट फाइनल होने से पहले ही सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने शनिवार को कांग्रेस से नॉमिनेशन भरकर सबको चौंका दिया। जाड़ावत ने शुक्रवार को हुई सभा में 6 नवंबर को फॉर्म भरने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि 6 नवंबर को दोपहर एक बजे तक वह आलाकमान के फैसले का इंतजार करेंगे। उसके बाद कार्यकर्ताओं की मर्जी के अनुरूप फैसला करेंगे। सुरेंद्र सिंह जाड़ावत 12 बजे सभी ब्लॉक और मंडल अध्यक्ष के साथ अचानक कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां उन्होंने 12:15 बजे एसडीएम के पास पहुंच कर कांग्रेस से नॉमिनेशन फॉर्म भरा। साथ ही उन्होंने आलाकमान पर भरोसा भी जताया।
चित्तौड़गढ़ में इस बार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति में कई इंटरेस्टिंग मोड़ आ गए। कांग्रेस ने अभी तक अपनी आखिरी लिस्ट जारी भी नहीं की, लेकिन पार्टी की ओर से नामांकन भी भर दिया। चित्तौड़गढ़ विधानसभा के अलावा अन्य चारों विधानसभाओं के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी गई है।
चित्तौड़गढ़ विधानसभा से सुरेंद्र सिंह जाड़ावत का टिकट काटे जाने के कयास से दो दिन से उनके समर्थक विरोध जाता रहे हैं। कार्यकर्ता सम्मेलन में शुक्रवार को जाड़ावत ने बाहरी व्यक्ति को प्रत्याशी चुने जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि वे 6 नवंबर को फार्म भरेंगे। उसी दिन दोपहर एक बजे तक पार्टी के फैसले का इंतजार करेंगे। अगर फैसला पॉजिटिव नहीं आया तो कार्यकर्ताओं की मर्जी पर चुनाव लड़ेंगे। कहीं ना कहीं, जाड़ावत के इस बयान पर सभी ने उनके निर्दलीय से लड़ने पर अनुमान लगाया था लेकिन शनिवार दोपहर 12:15 बजे उन्होंने कांग्रेस से अपना नॉमिनेशन भरकर सभी को चौंका दिया।
नेतृत्व जो फैसला करेगा, वो मंजूर
सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने कहा कि मुझे राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सुखजिंदर रंधावा, अशोक गहलोत पर पूरा भरोसा है। मैंने हमेशा पार्टी हित में सोचा है और कभी पार्टी के खिलाफ कोई बात नहीं की। जो भी शीर्ष नेतृत्व फैसला करेंगे, हम सब मिलकर उसी को मानेंगे। चाहे जिसे भी टिकट मिले, हम सब मिलकर पार्टी को जिताने में सहयोग करेंगे। आज कांग्रेस से फॉर्म भरा है और यह फॉर्म तो कोई भी कार्यकर्ता भर सकता है।