कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी 17 नवंबर को चुनावी दौरे के लिए चित्तौड़गढ़ आएंगी। प्रियंका पहली बार चित्तौड़गढ़ स्टार प्रचारक के रूप में आएंगी। इससे पहले यहां प्रियंका की दादी इंदिरा गांधी, मां सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी भी चुनाव प्रचार के लिए आ चुके हैं। प्रियंका कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में आमसभा को संबोधित करेंगी। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी होंगे। प्रियंका की रैली के बहाने कांग्रेस चित्तौड़गढ़ में बढ़त बनाने की कोशिश करेंगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी होंगे साथ
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता नवरतन जीनगर ने बताया कि 17 नवंबर को डूंगरपुर, सागवाड़ा सभा करने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा चित्तौड़गढ़ आएंगी। यहां कांग्रेस के प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रियंका गांधी आमजन को संबोधित करेंगी। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी साथ होंगे। इंदिरा गांधी स्टेडियम में यह आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी पहली बार चित्तौड़गढ़ आएंगी। चित्तौड़गढ़ में भी त्योहारी सीजन के बाद अब चुनाव प्रसार को रफ्तार देने की तैयारी शुरू हो चुकी है। रैली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ-साथ राजस्थान कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी मौजूद रहेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बताया कि इस रैली में जिले के पांचों सीटों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचने वाले हैं। उसकी तैयारी भी शुरू कर दी है।
विकास कार्यों को लेकर चुनाव में उतरेगी कांग्रेस
चित्तौड़गढ़ में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने इस बात को क्लियर कर दिया है कि अशोक गहलोत के विकास कार्यों को लेकर यह चुनाव की लड़ाई लड़ी जाएगी। चित्तौड़गढ़ विधानसभा में इस बार पहली बार त्रिकोणीय समीकरण देखने को मिलेगा। सुरेंद्र सिंह जाड़ावत के सामने नरपत सिंह राजवी और विधायक चंद्रभान सिंह आक्या मैदान में हैं। जाड़ावत ने 1998 में राजवी को हराया था जबकि 2003 के चुनाव में राजवीर ने जाड़ावत को हरा दिया। वहीं, पिछले लगातार दो बार में चंद्रभान सिंह आक्या ने सुरेंद्र सिंह जाड़ावत को शिकस्त दी है। 2018 के चुनाव में चित्तौड़ की पांचों सीटों में से दो पर कांग्रेस और तीन सीटों पर भाजपा हावी है।
15 साल बाद गांधी परिवार से आएगी प्रियंका
साल 1979 में लोकसभा चुनाव में पहली बार इंदिरा गांधी कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करने आई थीं। तब हजारों की संख्या में इंदिरा गांधी की एक झलक पाने के लिए लोग सभास्थल में बैठे रहे। इंदिरा गांधी 12 घंटे देरी से चित्तौड़गढ़ पहुंची थी, लेकिन भीड़ मौके से हटी नहीं। 1979 के लोकसभा चुनाव में निर्मला कुमारी शक्तावत ने जीत हासिल की थी। उसके बाद उस स्टेडियम का नाम इंदिरा गांधी स्टेडियम रख दिया गया। इसी तरह 1998 में सोनिया गांधी विधानसभा चुनाव स्टार प्रचारक के रूप में चित्तौड़गढ़ आई थीं। तब पांच सीटों में से चार सीटें कांग्रेस ने जीती थीं। इसके बाद राहुल गांधी भी 2008 में विधानसभा चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए आ चुके हैं। अपने भाई के बाद 15 साल बाद गांधी परिवार से प्रियंका गांधी यहां चित्तौड़गढ़ आएंगी और कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में आम सभा को संबोधित करेंगी।