सहारा इंडिया के एजेंट ने 11 फरवरी की रात टांके में कूदकर सुसाइड कर लिया। सुसाइड नोट में लिखा है- मेरी मौत का कारण सहारा इंडिया कंपनी है। लोगों के लाखों रुपए नहीं दिए, मैं जवाब दे-देकर थक गया हूं। घटना बाड़मेर जिले के बायतु पनावड़ा गांव की है। शव को टांके में से बाहर निकाला गया। परिवार वालों ने शव लेने से इनकार कर दिया और मोर्च्युरी के बाहर लगातार चौथे दिन भी धरने पर बैठ रहे।
प्रशासन से नामजद मुकदमें में कार्रवाई, मृतक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग कर रहे है। इधर सोमवार को पनावड़ा निवासी एक और पीड़ित ने ज्ञापन देकर अवगत करवाया कि सवाईराम पुत्र खेताराम की भी मौत सहारा इंडिया एजेंट के रूप में सम पर रकम निवेशकों को नहीं लौटाने के कारण हुई है।
पनावड़ा निवासी हेमंत कुमार ने शनिवार को टांके में कूद आत्महत्या कर ली और एक सुसाइड नोट लिखकर सहारा इंडिया कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए। उसने लिखा कि निवेशकों के करोड़ों रुपए कंपनी वापिस नहीं लौटा रही है, इसी वजह से वह निवेशकों की ओर से बार-बार टॉर्चर किए जाने से परेशान है। इस घटना के बाद शव बायतु अस्पताल मोर्चरी में है और परिजनों लोग धरने पर बैठे हैं।
सोमवार को दलित नेता उदाराम मेघवाल, आरएलपी महामंत्री उम्मेदाराम बेनीवाल, भीम आर्मी सहित कई नेता धरना स्थल पर पहुंचे। ज्ञापन में बताया कि हेमंत कुमार पुत्र ताजाराम की मौत रुपो देवी व भंवरलाल द्वारा धोखाधड़ी व प्रताड़ित करने पर की गई है। बायतु थाने में नामजद एफआईआर दर्ज है, जिसमें पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं की गई है। धरने पर एसडीएम विवेक व्यास, थानाधिकारी बायतु ओमप्रकाश ने परिजनों से समझाइश की, लेकिन परिजन मांगों पर अड़े रहे।
यह है मामला
पनावड़ा निवासी हेमंत कुमार (35) पुत्र ताजाराम मेघवाल पिछले 5 साल से सहारा इंडिया के एजेंट के रूप में काम कर रहा था। 11 फरवरी की रात हेमंत ने घर के पास बने कुएं में कूदकर सुसाइड कर लिया। घरवालों ने रविवार सुबह हेमंत कुमार के शव को कुएं से बाहर निकालकर बायतु हास्पिटल ले गए। मोर्च्युरी के बाहर शव रखकर परिवार वाले धरने पर बैठ गए। इस दौरान बड़ी संख्या में समाज के लोग भी वहां पहुंच गए हैं। सोमवार को भी शव नहीं उठाया गया है। सरकार से कंपनी और उनके कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने की डिमांड की जा रही है।