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DUNGLA NEWS : सर्वार्थसिद्धि याेग और शनि प्रदाेष व्रत में महाशिवरात्रि मनेगी:रात के चारों प्रहर हाेगी भाेले की पूजा, लगेंगे मेले

फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 18 फरवरी काे महादेव व देवी पार्वती के गठबंधन का उत्साह पर्व महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। रात के चाराें प्रहर भाेले की पूजा-अर्चना हाेगी। हरणी महादेव, तिलस्वां, त्रिवेणी संगम पर मेले लगेंगे। पर्व काे लेकर शहर के शिवालयाें में भी तैयारियां की जा रही हैं। इस बार महाशिवरात्रि सर्वार्थसिद्धि याेग और शनि प्रदाेष व्रत में मनाई जाएगी। शिवरात्रि व शनि प्रदाेष व्रत दाेनाें ही महादेव काे प्रिय हैं। प्रदाेष व्रत में भगवान शिव की शाम के समय पूजा की जाती है। इस दाैरान आराधना करने वाले भक्त काे शिवजी का आशीर्वाद मिलता है।

नगर व्यास पंडित राजेंद्र कुमार ने बताया कि सुखी दांपत्य जीवन व अच्छे वर की कामना के लिए महाशिवरात्रि का व्रत खासा महत्व रखता है। इस बार महाशिवरात्रि पर कई दुर्लभ याेग का संयाेग बन रहा है। जिसमें शिव-पार्वती के पूजन का दुगुना फल मिलेगा। त्रयाेदशी तिथि 17 फरवरी रात 11:36 बजे से शुरू हाेगी और अगले दिन 18 फरवरी काे रात 8:02 बजे समाप्त हाेगी। पूरे 24 घंटे शिवजी की पूजा काफी फलदायी हाेगी।

शनि स्वराशि में रहेंगे अस्त

पंडिताें का कहना है कि इस दाैरान कुंभ में शनि अस्त रहेंगे। इसके फलस्वरूप कुंभ राशि में सूर्य का प्रभाव अधिक रहेगा। इससे करियर और आर्थिक मामलाें की दृष्टि से यह स्थिति बहुत अच्छी हाेगी। ऐसे शुभ याेग में महाशिवरात्रि का व्रत रखने और शिवजी की पूजा करने से शनि के सभी दाेष दूर हाे सकते हैं। भाेले के भक्ताें की सभी मनाेकामनाएं पूरी हाेंगी। महाशिवरात्रि पर गुरु भी स्वराशि मीन में हाेंगे। गुरु मीन राशि में उच्च के हाेते हैं। गुरु के मीन राशि में हाेने से हंस राजयाेग बनेगा। नाैकरी की दृष्टि से यह स्थिति शुभ मानी जाती है। इस दिन शुक्र भी मीन राशि में विराजमान रहेंगे। इस तरह मीन राशि में शुक्र व गुरु के हाेने से यह स्थिति भी लाभदायक रहेगी। हालांकि गुरु व शुक्र में परस्पर शत्रुता का भाव रहता है, लेकिन मीन में गुरु उच्च के हाेते हैं। मीन में शुक्र के हाेने से मालव्य राजयाेग बनेगा, जाे बेहद शुभ माना जाता है।

कुंभ राशि में रहेंगे शनि व सूर्य... पंडित अशाेक शर्मा ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर शनिवार के दिन शनि ग्रह भी अपनी मूल त्रिकाेण राशि कुंभ में विराजमान रहेंगे। यही नहीं, इससे पहले साेमवार काे सूर्य भी कुंभ राशि में प्रवेश कर गए। इस तरह महाशिवरात्रि पर पुत्र शनि के घर कुंभ में पिता-पुत्र यानी सूर्य अाैर शनि का एक साथ रहना अति दुर्लभ याेग बनाएगा। ज्याेतिष में पिता व पुत्र यानी सूर्य व शनि के बीच शत्रुता का भाव रहता है। इस दिन काल सर्प दाेष निवारण का भी शुभ मुहूर्त रहेगा।

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