विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने हिन्दू धर्म के मंदिरों एवं पूजा स्थलों पर सरकारी पर नियंत्रण को असंवैधानिक बताते हुए इसे समाप्त करने की मांग की। राजस्थान विधानसभा में नाथद्वारा एवं सांवलिया मंदिर अधिनियम संशोधन पर बोलते हुए इनकी समग्र समीक्षा के लिए विधानसभा की समिति गठित करने का भी आग्रह किया।
विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने कहा कि संबंधित मंदिर अधिनियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि मंदिर निधि का उपयोग केवल हिंदू धर्म के प्रचार प्रसार, भक्तों की सुविधाऐं सृजित करने और मंदिर व्यवस्था में ही किया जा सकता है। किन्तु दोनों ही मंदिरों की निधियों का उपयोग राज्य सरकार अपनी योजनाओं और कार्यों के लिए कर रही है।
भक्तों के आवास एवं भोजन व्यवस्था की अनदेखी
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने शिरडी एवं तिरुपति मंदिरों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पर भक्तो के लिए आवास व्यवस्था प्रतिवर्ष बढाई जा रही है। अनुदानित मूल्यों पर अल्पाहार एवं भोजन की व्यवस्था मंदिर समिति करती है। अनुदानित मूल्यों पर प्रसाद वितरित किया जाता है। किन्तु सांवलिया एवं नाथद्वारा की मंदिर प्रबंध समितियां इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रही हैं।