जयपुर । सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर पलटवार करके आरोप लगाया है कि केन्द्रीय मंत्री शेखावत संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड घोटाले के मामले में जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं जबकि स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के अनुसंधान में अन्य गिरफ्तार किए जा चुके अभियुक्तों के समान धाराओं में ही उनके ऊपर जुर्म प्रमाणित हो चुका है. वो स्वयं इस बात को अच्छे से जानते हैं ।
गहलोत ने कहा कि वो जानते हैं कि 1 लाख से अधिक पीड़ितों की जिंदगीभर की जमापूंजी के करीब 900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को संजीवनी सोसाइटी ने लूटा है. इस मामले में प्रोपर्टी अटैच करने के अधिकार SOG के पास ना होकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के पास हैं. SOG ने गत 2 वर्षों में ED को 5 बार संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी प्रोपर्टी अटैच करने का आग्रह किया है परन्तु देशभर में विपक्षी नेताओं के घर छापे मारने वाली ED ने अभी तक कार्रवाई कर संजीवनी घोटाले के आरोपियों की प्रोपर्टी तक अटैच नहीं की है ।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री हैं, यदि बेकसूर हैं तो गरीबों का पैसा वापस दिलवाने के लिए आगे क्यों नहीं आते? सेंट्रल रजिस्ट्रार ने इस मामले में एक लिक्विडेटर नियुक्त किया है परन्तु वो तब ही पीड़ितों का पैसा लौटा पाएगा जब संजीवनी सोसाइटी की प्रोपर्टी अटैच होकर वहां से पैसे की रिकवरी होगी. केन्द्र सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जिसमें राजस्थान सरकार पूरा सहयोग करेगी ।
उन्होंने कहा कि संजीवनी घोटाला पीड़ित संघ के लोग करीब 6 महीने पहले जयपुर में मुख्यमंत्री निवास एवं 2 दिन पहले जोधपुर सर्किट हाउस में मेरे से मिले थे । उनकी बातें सुनकर मैं भी भावुक हो गया कि किस प्रकार उन्हें झांसे में लेकर उनकी मेहनत की जमा पूंजी लूटी गई । कई पीड़ितों के तो करोड़ों रुपये इस घोटाले में डूब गए हैं । मेरे पास सभी पीड़ितों की बातों की वीडियो रिकॉर्डिंग है जिसमें उनका दर्द फूट रहा है. अगर नैतिक साहस है तो गजेन्द्र सिंह को उनकी बातें सुननी चाहिए और समझना चाहिए कि उन्होंने कितना बड़ा अपराध किया है. केन्द्रीय मंत्री होने के नाते ED से अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं करवा पाए इसका जवाब जनता को देना होगा. राजस्थान सरकार पीड़ितों को इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए लगातार ED से संपर्क साधेगी ।