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पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष के बेटे का विधायक पर आरोप:विधायक बोले- मेरा मामले में लेना देना नहीं, मेरे खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र है

चित्तौड़गढ़ में पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष के बेटे ने भाजपा विधायक पर जमीन हड़पने का आरोप लगाया। यह जमीन पार्टी कार्यालय के नाम पर दी गई थी। लगभग तीन करोड़ रुपए की लागत की यह जमीन पर कार्यालय ना बनकर उसे अन्य प्रॉपर्टी डीलर को बेच दी गई। भाजपा कार्यकर्ता ने बुधवार को भाजपा कार्यालय के बाहर बैठ कर अनशन करने की धमकी दी। जिसपर देर शाम जिलाध्यक्ष, विधायक और भाजपा महामंत्री मौके पर पहुंचे और प्लॉट को वापस पार्टी के नाम पर करने का आश्वासन दिया। वहीं, विधायक ने इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया।

इस साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है। ऐसे में पार्टियों के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं का एक दूसरे पर आरोप लगाना आम बात है। लेकिन चित्तौड़गढ़ में भाजपा पार्टी के कार्यकर्ता अपने ही पार्टी के विधायक पर आरोप लगाते हुए नजर आए। मामला एक बेशकीमती प्रॉपर्टी का है।

2016 में पट्टे जारी करने के मिले थे निर्देश

भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष रूपचंदानी के बेटे अनंत समदानी ने अपने पार्टनर अशोक छाजेड़ के साथ मिलकर पुराने बस स्टैंड के सामने बौहरा कब्रिस्तान के पास एक कॉलोनी काटी थी। लेकिन उस दौरान नगर परिषद चेयरमैन ने प्रॉपर्टी में डिस्प्यूट होने की बात कहकर जयपुर में इसकी एक फाइल भेजी। साल 2016 में राजस्थान स्वायत शासन विभाग की ओर से पट्टे जारी करने के निर्देश प्राप्त हुए। अनंत समदानी का आरोप है कि विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने घर बुलाकर दबाव डाला कि पार्टी फंड में एक प्लॉट देना होगा। वहां पर भाजपा कार्यालय बनाया जाएगा।

लगभग तीन करोड़ रुपए में बेची गई जमीन

अनंत समदानी का कहना था कि उस समय पैसों की जरूरत थी और यह भी मन में था कि अगर एक प्लॉट पार्टी के नाम पर देने से काम बनता है, तो दे दिया जाए। उन्होंने उस कॉलोनी का नाम भी पूर्व जिलाध्यक्ष रूप समदानी के नाम पर रखने की बात कही थी। अनंत समदानी का आरोप है कि इसके बाद विधायक ने अपने निजी फायदे को देखते हुए दबाव बनाकर बिकवा दिया। यह जमीन प्रॉपर्टी डीलर अखिल अब्बानी के पास है।

वापस पार्टी कार्यालय के नाम लिया जायेगा प्रॉपर्टी को

अनंत समदानी ने बुधवार को भाजपा कार्यालय के बाहर बैठकर अनशन करने की धमकी दी। इस पर देर शाम विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, जिला अध्यक्ष गौतम दक और भाजपा महामंत्री कमलेश पुरोहित मौके पर पहुंचे। काफी देर चर्चा होने के बाद रात को यह फैसला लिया गया कि यह प्लॉट वापस पार्टी फंड के नाम से रखा जाएगा। इस प्लॉट की कीमत लगभग तीन करोड़ रुपए की बताई जा रही है। जब इस बारे में जिला अध्यक्ष गौतम दक से बातचीत की गई तो उन्होंने शादी में व्यस्त होने का हवाला देकर बात को काट दिया। वहीं, प्रॉपर्टी डीलर अखिल अब्बानी के सीए ने बताया कि यह साइज और अमाउंट गलत है। जब उनसे सही साइज और अमाउंट के बारे पूछा गया तो उन्होंने बताने से इंकार कर दिया।

विधायक ने बताया राजनीतिक षड्यंत्र

विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने इसे पूरी तरह राजनीतिक षड्यंत्र बताया। उनका कहना था कि मेरा इस पूरे मामले में कोई लेना देना नहीं है। यह चुनावी साल में मेरा नाम खराब करने के लिए किया जा रहा है। जो कि गलत है।

डेढ़ साल तक मौन, अब उठाया मुद्दा, शक के दायरे में कार्यविधि

डेढ़ साल पहले बेचे हुए इस प्लॉट की अचानक याद आना भी शक के घेरे में है। अनंत समदानी से जब पूछा गया कि डेढ़ साल बाद ही क्यों यह मामला उठाया तो उनका कहना था कि चुनावी साल होने के कारण विधायक हमारी बात सुनेंगे। उनके दबंग गिरी के चलते उनके आगे कोई कुछ बोल नहीं सकता, इसीलिए नहीं बोल पाए। बता दे कि अनंत समदानी ने यह कहा कि अनिल ईनाणी के नाम प्लॉट किए जाने के टाइम भी 9 महीने तक विधायक ने दबाव डाला। उसके बाद रजिस्ट्री करवाई गई। हालांकि सवाल वापस वही आता है कि इस मुद्दे को पहले क्यों नहीं उठाया गया और ना ही पार्टी के जिलाध्यक्ष या अन्य जनप्रतिनिधियों से इस बारे में चर्चा क्यों नहीं की गई।

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