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अब ऑनलाइन होगा समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद का कार्य कलक्टर मीणा ने ऑनलाइन पोर्टल से खरीद प्रक्रिया संबंधित जागरूकता के लिए निर्देश दिए

उदयपुर। राज्य सरकार के निर्देशानुसार खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की ओर से राज्य में आरएमएस 2023-24 के दौरान समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीद का कार्य उदयपुर संभाग में 1 अप्रैल से 30 जून 2023 तक किया जावेगा। जिला कलक्टर (रसद) ताराचंद मीणा ने बताया कि राज्य में समर्थन मूल्य पर गेहूँ खरीद का कार्य ऑनलाइन होगा। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल का लिंक खाद्य विभाग की वेबसाइट ‘फूड डॉट राजस्थान डॉट जीओवी डॉट इन’ पर गेहूँ खरीद हेतु किसान रजिस्ट्रेशन नाम से उपलब्ध है। कलक्टर ने जिले के किसानों को समर्थन मूल्य पर गेहूं की बिक्री के लिए इस ऑनलाइन पोर्टल का अधिकाधिक उपयोग के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
यह रहेगी पंजीयन व्यवस्था:
जिला रसद अधिकारी नरेश बुनकर ने बताया कि राज्य के किसान गेहूँ विक्रय के लिए 25 जून 2023 तक प्रातः 7 बजे से शाम 7 बजे  तक पंजीयन करवा सकेंगे। किसान द्वारा स्वयं अथवा अन्य माध्यम से पोर्टल पर पंजीकरण करवाया जा सकेगा। पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में जनआधार कार्ड अनिवार्य है। कृषक के जनआधार कार्ड में पंजीकृत परिवार के एक या एक से अधिक सदस्यों (जिनके नाम से गिरदावरी है) द्वारा भी पोर्टल पर पंजीकरण हो सकेगा। पंजीयन से पूर्व पंजीयनकर्ता जनआधार कार्ड में जानकारी (खाता संख्या, मोबाइल नंबर आदि) को अद्यतन करना होगा वहीं भूमि सम्बन्धी दस्तावेजों में पटवारी द्वारा जारी की गई गिरदावरी की मूल प्रति, किराए की भूमि, बटाईदार, अनुबंध भूमि व बटाई का अग्रीमेंट हुआ है एवं रेंट अग्रीमेंट की प्रति, भूमि मालिक का जन आधार माह जिसमें बैंक संबंधी दस्तावेज बैंक पासबुक की प्रति, किसानों को उनकी उपज के समर्थन मूल्य का उनके बैंक खाते में भुगतान किया जाएगा एवं इसके लिए बैंक पासबुक की प्रति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि कृषक पंजीयन से पूर्व जनआधार कार्ड में अपने खाते नम्बर को अपडेट करें । खाता संख्या व आईएफएससी कोड में विसंगति के लिए कृषक स्वयं उत्तरदायी होगा।
गिरदावरी रिकार्ड में नाम होगा, उसी का पंजीकरण होगा:
बुनकर ने बताया कि भूमि अभिलेख व गिरदावरी के लिए खाद्य विभाग द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर को राजस्व विभाग भू-प्रबंधन कार्यालय, राजस्थान के पास उपलब्ध भूमि अभिलेख गिरदावरी के ऑनलाइन रिकॉर्ड से एकीकृत किया गया है। गिरदावरी में जिसका नाम होगा, उसी का पंजीकरण मान्य होगा। यदि भूमि अभिलेख या गिरदावरी का ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है तो ऐसे प्रकरणों में पोर्टल पर किसान द्वारा भूमि अभिलेख का रिकॉर्ड स्वयं इन्द्राज कर गिरदावरी की प्रमाणित प्रति अपलोड करना आवश्यक होगा। कृषक को पोर्टल पर क्रय केंद्र चुनने का विकल्प उपलब्ध कराया गया है।
ऑनलाइन पंजीकरण समस्याओं के निराकरण के लिए टीम गठित होगी:
कलक्टर मीणा ने बताया कि विभिन्न क्रय केन्द्रों एवं कृषकों को ऑनलाइन पंजीकरण में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं के निराकरण के संबंध में जिला स्तर पर एक टीम का गठन किया जाएगा जिसमें क्रय एजेंसीज के जिला स्तर के प्रतिनिधि भी आवश्यक रूप से सम्मिलित होंगे। अन्य किसान को पंजीकरण की दिनांक के आधार पर सॉफ्टवेयर द्वारा वरीयता क्रम में तुलाई दिनांक एवं उससे खरीद की जाने वाली मात्रा संबंधित केन्द्र पर लाने बाबत पंजीकृत मोबाईल नम्बर पर एसएमएस. के माध्यम से सूचित किया जायेगा । यदि किसान किसी कारणवश निर्धारित दिनांक को क्रय केन्द्र पर विक्रय नहीं कर पाता है तो वह 10 दिवस की अवधि में अपनी फसल कभी भी तुलवा सकता है। तुलाई पश्चात् रसीद की एक प्रति किसान को दी जाएगी।

RISHABH JAIN
Author: RISHABH JAIN

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