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आज से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत:कई मंदिरों-घरों में घट स्थापना

नए संवत का नाम नल, बुध होंगे राजा

इस नवसंवत् का नाम नल है। नए वर्ष के राजा बुध हैं और मंत्री शुक्र हैं। बुध और शुक्र की वजह से नववर्ष सभी के लिए शुभ रहेगा। व्यापारियों को इस साल बड़े लाभ मिल सकते हैं, व्यापार का विस्तार हो सकता है। बुधवार से चैत्र नवरात्रि शुरू होगी, इसे रामरात्र भी कहा जाता है। बुध के राजा होने से इस साल सुख-समृद्धि बढ़ेगी। इसके साथ ही शुक्र के मंत्री होने से वैभव और संपत्तियों में बढ़ोतरी होगी।

चैत्र नवरात्रि में ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति

ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस नवरात्रि की शुरुआत में गुरु अपनी राशि मीन में सूर्य के साथ रहेगा। शनि अपनी राशि कुंभ में है। शुक्र और राहु की युति मेष राशि में रहेगी। शनि की तीसरी पूर्ण दृष्टि शुक्र-राहु पर रहेगी। इस वजह से चैत्र नवरात्रि में तंत्र से जुड़े काम जल्दी सफल हो सकते हैं।

पंडित मनीष शर्मा के मुताबिक नवरात्रि में तांत्रिक पूजा भी होती है और गृहस्थ व्यक्ति भी पूजा करता है। सबसे पहले यह कि देवी को सुबह उठकर सूर्य को अर्ध्य देने उपासना शुरू करें। अगर आपको आर्थिक दिक्कत है तो उसमें लाल फूल अर्पित करें। आप अगर स्टूडेंट है तो सफेद फूल अर्पित करें। अगर आपके विवाह में बाधा आ रही है या शुभ कार्य में बाधा आ रही है तो पीले फूल डालकर सूर्य की उपासना करें। तीनों फूल एक साथ डालकर उपासना करें। देवी की उपासन कर रहे है तो ब्रह्मचर्य का पालन करें। पराए अन्न का उपयोग न करें। जिस समय आप पूजा-पाठ कर रहे है तो पूरे 9 दिन उस समय पूजा करें। देवी का एक रुप अन्नपूर्णा का भी होता है तो आप अन्न का दान करें।

आज से चैत्र नवरात्रि शुरू हो गई है। इसका आखिरी दिन 30 मार्च रहेगा। आज 6 बड़े शुभ योग में घटस्थापना होगी। जिसके लिए दिनभर में 3 मुहूर्त हैं। नवरात्र में हर दिन देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा होगी। खरीदारी और नई शुरुआत के लिए भी हर दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे।

लगभग हर साल नवरात्रि के पहले दिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग पड़ता है। जिसके चलते घट स्थापना के लिए कुछ ही घंटो का मुहूर्त निकल पाता है। इस बार ऐसा नहीं है, इसलिए सूर्यास्त से पहले तक किसी भी मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकेंगे।

इस साल भी तिथियों की गड़बड़ी नहीं होने से देवी पूजा के लिए पूरे नौ दिन मिलेंगे। ये शुभ संयोग है। लगातार दूसरे साल ऐसा हो रहा है। इसके चलते दुर्गाष्टमी 29 मार्च, बुधवार को रहेगी। दुर्गा महापूजा और श्रीराम नवमी पर्व 30 मार्च, गुरुवार को मनेगा।

आज षड महायोग में नवरात्रि शुरू हो रही है। शंख, हंस, शुक्ल, बुधादित्य, गजकेसरी और कुलदीपक नाम के शुभ योग का बनना समृद्धि का संकेत है। सूर्योदय के वक्त सूर्य के साथ चंद्र, बुध और गुरु, ये चारों ग्रह एक ही राशि में मौजूद रहेंगे। इनमें से तीन ग्रहों का उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में होना शुभ फलदायी रहेगी। षड महायोग और ग्रहों का ऐसा संयोग कई सालों में बनता है।

Darshan-News
Author: Darshan-News

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