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पूर्व राजपरिवार सदस्य के आमंत्रण पर उदयपुर पहुंची साध्वी ऋतंभरा:बोलीं-जौहर की ज्वाला आज भी हमारे चेहरे की रौनक बढ़ाती है

पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड के आमंत्रण पर मंगलवार को साध्वी ऋतंभरा उदयपुर के सिटी पैलेस पहुंची। पैलेस के ऐतिहासिक दरबार हॉल में डॉ. मेवाड़ ने साध्वी ऋतंभरा की शाही अगवानी की। वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। इस दौरान मेवाड़ और साध्वी के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि मेवाड़ की उस परंपरा का बलिदान है कि जौहर की ज्वाला आज भी हमारे चेहरे की रौनक बढ़ाती है। इस भूमि पर आकर जो अनुभव हो रहा है वह शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।

हमें तो मेवाड़ पर गौरव होता है लेकिन लक्ष्यराज जी का तो यह रक्त है। ऐसे में यह तो अधिक गौरवान्वित होते होंगे। उन्होंने कहा कि सदियों से जो परंपरा से संघर्ष करके भारत के गौरव और स्वाभिमान की रक्षा की गई है जो धरा इसकी साक्षी बनी है। मान- सम्मान और स्वाभिमान इतनी बड़ी चीज होती है जिसके लिए शरीरों तक के ऐसे होम कर दिए जाते हैं जैसे हवन कुंड में हवन सामग्री अर्पित की जाती है।

पैलेस के ऐतिहासिक दरबार हॉल में डॉ. मेवाड़ ने साध्वी ऋतंभरा की शाही अगवानी की। वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया।
पैलेस के ऐतिहासिक दरबार हॉल में डॉ. मेवाड़ ने साध्वी ऋतंभरा की शाही अगवानी की। वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया।

मेवाड़ संत-साध्वियों का आदर-सत्कार करता आया हैः डॉ. मेवाड़
डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा का पैलेस में आगमन होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। खुशी इस बात की है कि 1500 साल से मेवाड़ संत-साध्वियों के आदर-सत्कार की परंपरा का निर्वहन करता आया है। मेवाड़ इस गुरु-शिष्य परंपरा को भी बतौर स्वाभिमान मानते हुए इस परंपरा का निर्वहन कर गर्व महसूस करता है। यहां यह परंपरा 21वीं सदी में भी जीवंत होती दिख रही है। वात्सल्य सेवा समिति प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया कि सिटी पैलेस में अध्यक्ष प्रकाशचंद्र अग्रवाल, डिप्टी मेयर पारस सिंघवी भी मौजूद थे।

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