चित्तौड़गढ़ पोक्सो कोर्ट-1 ने 2019 में हुए गैंग रैप के मामले में दो आरोपियों को दोषी मानते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 30 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। मामले में एक बाल अपचारी को भी सजा हुई है।
पोक्सो कोर्ट चित्तौड़गढ़ क्रमांक-1 के पब्लिक प्रोसिक्यूटर शोभालाल जाट ने बताया कि जिले के गंगरार थाना क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति ने 18 अगस्त 2019 में सदर चित्तौड़गढ़ में एक रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में बताया था कि उनकी नाबालिग बेटी कॉलेज में पढ़ती है इसलिए प्रताप नगर में किराए के मकान में रहती है। 17 अगस्त 2019 को उसके मकान मालिक का फोन आया और जल्दी ही मिलने के लिए बुलाया। जाकर देखा तो नाबालिग की हालत खराब थी, इसीलिए उसे हॉस्पिटल भी एडमिट करवाया गया।
नोट्स के लिए करता था परेशान
इलाज के दौरान नाबालिग ने बताया कि कैलाश जाट नाम का एक लड़का उसे नोट्स के लिए परेशान करता था। एक अन्य नाबालिग लड़का पीड़िता के पास आया और कहा कि उसके कमरे में आ जाए। कैलाश को साथ में समझा देगा। लड़की भी उस नाबालिग लड़के के घर पर गई। वहां कैलाश भी आ गया और दोनों ने कमरा बंद कर नाबालिक लड़की के साथ गैंगरेप किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी कैलाश जाट को गिरफ्तार कर लिया और बाल अपचारी को डिटेन कर लिया।
दोनों पक्षों की बहस सुनकर माना दोषी
दोनों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया। उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान 18 गवाह और 33 डाक्यूमेंट्स पेश किए गए थे। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद पोक्सो कोर्ट संख्या- 1 के पीठासीन अधिकारी ने सेमलिया, गंगरार निवासी कैलाश पुत्र शंभू लाल जाट और नाबालिग दोनों को ही दोषी माना। दोनों को 20 साल की सजा सुनाई और साथ ही 30 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। बालिका की ओर से वकील गुलशेर अली शेख और यास्मीन शेख ने पैरवी की थी।
FSL रिपोर्ट रही अहम
पब्लिक प्रोसिक्यूटर शोभालाल जाट ने बताया कि फैसले में FSL रिपोर्ट इंपॉर्टेंट रही है। पुलिस की ओर से जो सबूत जुटाए गए थे, उसमें आरोपी की एफएसएल रिपोर्ट भी करवाई थी। पीड़िता 164 के बयान के बाद आरोपी कैलाश जाट के खिलाफ मुकर गई थी। लेकिन आरोपी की एफएसएल रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। ऐसे में कोर्ट ने कैलाश जाट को भी दोषी मानते हुए सजा सुनाई।