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सतयुग और त्रेतायुग की आरंभ तिथि है अक्षय तृतीया, इस दिन पितरों के निमित्त किया पिंडदान देता है अक्षय लोक – डॉ मृत्युञ्जय तिवारी युगादि तिथि है अक्षय तृतीया इसी दिन द्वापर युग समाप्त हुआ, साढ़े तीन मुहूर्त में इसका विशेष स्थान, स्वयं सिद्ध या अबूझ मुहूर्त के नाम से जानते हैं

चित्तौड़गढ़। अक्षय तृतीया का पर्व प्रत्येक वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे आखातीज या अक्खा तीज भी कहते हैं। श्रीकल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निम्बाहेड़ा के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी ने बताया कि इस बार अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023 को है। यह एक ऐसा दिन है जब कोई भी शुभ काम करने के लिए मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है ।

अक्षय तृतीया तिथि 22 अप्रैल 2023 को प्रात: 7 बजकर 49 मिनट से 23 अप्रैल को 2023 को प्रात: 7 बजकर 47 मिनट तक अक्षय तृतीया है। पूजा का शुभ मुहूर्त 22 अप्रैल को सुबह 7 बजकर 49 मिनट से दोपहर 12 बजकर 20 मिनट तक है।

अक्षय तृतीया का महत्व

डॉ तिवारी के अनुसार अक्षय तृतीया को अनंत-अक्षय-अक्षुण्ण फलदायक कहा जाता है, जो कभी क्षय नहीं होती उसे अक्षय कहते हैं। बताया जाता है कि वर्ष में साढ़े तीन अक्षय मुहूर्त हैं। इसमें विशेष स्थान अक्षय तृतीया का है। इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर के पूछने पर यह बताया था कि आज के दिन जो भी रचनात्मक या सांसारिक कार्य करोंगे उसका पुण्य मिलेगा। इस दिन को स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है। इसी दिन ही भगवान विष्णु के अंशावतार महर्षि वेदव्यास ने महाभारत को लिखना शुरू किया था। इस दिन गीता के 18 वें अध्याय का पाठ करना चाहिए। अक्षय तृतीया पर ही मां गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर आई थीं। अक्षय तृतीया पर श्रीहरि विष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।

अक्षय तृतीया के दिन क्या करें क्या नहीं

ज्योतिषाचार्य डॉ तिवारी बताते हैं कि अक्षय तृतीया के दिन ही सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी और द्वापर युग समाप्त हुआ था। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन पिंडदान करने से पितरों को मुक्ति मिलती है। इस दिन घर में रखे झाड़ू को बाहर निकाल देना चाहिए, साथ ही नया झाड़ू खरीदकर लाना चाहिए। इससे घर में हमेशा बरकत होती है और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। इस दिन घर में रखे टूटे-फूटे जूते-चप्पल को बाहर निकाल देना चाहिए। इससे घर से दरिद्रता दूर हो जाती है। अक्षय तृतीया के दिन किसी को भी पैसे उधार नहीं देना चाहिए। इससे घर से मां लक्ष्मी चली जाती हैं और घर में हमेशा दरिद्रता आती है। इस दिन घर की तिजोरी की साफ-सफाई करके पूजा पाठ करना चाहिए। तिजोरी कभी गंदा नहीं रखना चाहिए। अक्षय तृतीया के दिन घर में रखे टूटे-फूटे बर्तन को भी बाहर निकाल देना चाहिए। घर में टूटे बर्तन रखने से नकारात्मकता आती है और घर परिवार में अशांति फैल जाती है और मां लक्ष्मी भी घर में वास नहीं करती हैं। अक्षय तृतीया के दिन मां गौरी की विशेष पूजा करनी चाहिए, उन्हें लाल वस्त्र अर्पित करना चाहिए। इससे व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है। इस दिन भगवान को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्र का दान करना चाहिए। अक्षय तृतीया के अवसर पर सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन सोना जरूर खरीदें।

इस दिन भूलकर भी प्लास्टिक, एल्युमिनियम या स्टील के बर्तन का सामान न खरीदें, क्योंकि कि इन पर राहु का प्रभाव ज्यादा होता है। इससे घर में नकारात्मकता और दरिद्रता आ सकती है।

 

 

Sanjay Khabya
Author: Sanjay Khabya

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