रावतभाटा-कोटा रोड पर एक ट्रेलर मंदिर को तोड़ता हुआ कोलीपुरा घाटे के किनारे पर जा लटका। ट्रेलर ड्राइवर खाई में जा गिरा। खाई से निकालकर कोटा हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। माना जा रहा है कि जंगल होने के कारण ड्राइवर को मोड नजर नहीं दिया। रोड किनारे बनी छोटे से मंदिर की दीवार भी टूट गई। मूर्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
यह घाटा पूरी तरह से मुकुंदरा जंगल क्षेत्र में है। ड्राइवर सुबह तक जंगल में सुरक्षित पड़ा रहा। गनीमत रही कि इस दौरान कोई भी जंगली जानवर ड्राइवर तक नहीं पहुंचा। सूचना मिलने पर सुबह मौके पर बोराबास पुलिस पहुंची।
मंदिर को तोड़ता हुआ घाटे पर जा लटका ट्रेलर
रावतभाटा से 12 किलोमीटर दूर कोलीपुरा घाटे पर देर रात एक ट्रेलर रोड किनारे बना छोटा सा मंदिर को तोड़ता हुआ घाटा किनारे जा लटक गया। इस दौरान ड्राइवर टोंक निवासी फतेह सिंह खाई में जा गिरा और घायल हो गया। ट्रेलर में 40 टन क्रेन का लोड चेक करने का सामान भरा हुआ था।
यह सामान कोटा विज्ञान नगर से रावतभाटा के राजस्थान परमाणु बिजलीघर पहुंचाया जाना था। अंधेरा और जंगल वाला इलाका होने के कारण संभवतः ड्राइवर को मोड़ दिखा नहीं होगा और टर्न करते समय खाई में जा गिरा। इस दौरान ट्रेलर की टक्कर से एक छोटे से मंदिर की दीवार और टीन शेड तो टूट गई लेकिन मंदिर के अंदर रखे हुए हनुमान जी की मूर्ति सुरक्षित थी।
पूरी रात खाई में पड़ा रहा ड्राइवर
ट्रेलर का ड्राइवर फतेह सिंह में खाई में जा गिरा। पूरी रात वह खाई में ही पड़ा रहा। सुबह वहां से निकल रहे कुछ राहगीरों ने देखकर उसे कोटा एमबीबीएस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया। पूरी रात खाई में पड़े होने के बावजूद भी ड्राइवर सुरक्षित था।
पूरा एरिया मुकुंदरा जंगल का
यह पूरा एरिया मुकुंदरा जंगल का है जहां पैंथर, टाइगर, भालू भी होते हैं। गनीमत रही कि किसी भी जंगली जानवर की नजर ड्राइवर फतेह सिंह पर नहीं पड़ी होगी। यह घटना रात के करीब एक बजे की है। सुबह वहां से गुजर रहे कोलीपुर निवासी राकेश मीना और लखन की नजर पड़ी तो पुलिस को सूचना दी। मौके पर बोराबास थाने से हेड कॉन्स्टेबल मोहित सिंह पहुंचे और ट्रेलर को मौके से हटवाया।