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राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने प्रदेश के मुख्य राजनीतिक दलों के प्रदेशाध्यक्ष को भेजा पत्र* *शिक्षकों की विभिन्न मांगों को राज्य विधानसभा चुनाव 2023 के घोषणा पत्र में शामिल करने का दिया सुझाव

दर्शन न्यूज़ डूंगला रिपोर्टर आरके धाकड़
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने प्रदेश के मुख्य राजनीतिक दलों के प्रदेशाध्यक्ष को पत्र भेजकर शिक्षकों की विभिन्न मांगों को राज्य विधानसभा चुनाव 2023 के घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग रखी।राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला अध्यक्ष तेजपाल सिंह शक्तावत, जिला संगठन मंत्री रमेश चंद्र पुरोहित और जिला मंत्री प्रकाश चंद्र बक्शी ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने कहा कि प्रदेश में राज्य विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मतदान हेतु दिनांक तय होने के साथ ही सभी राजनीतिक दल अपने अपने चुनाव की तैयारी और घोषणा पत्र का निर्माण कर रहे हैं।ऐसे में संगठन ने निर्णय लिया है कि सभी राजनीतिक दलों को शिक्षक वर्ग की महत्वपूर्ण मांगों से अवगत कराते हुए उन्हें अपने घोषणा पत्र में शामिल करके सम्पूर्ण शिक्षक वर्ग को आश्वस्त करना चाहिए। इस अवसर पर राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ भामस के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद व्यास ने बताया कि संगठन ने भारतीय जनता पार्टी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष को पत्र भेजकर शिक्षकों के महत्वपूर्ण मांगों के संबंध में सुझाव दिया है,जिसमें शिक्षक कल्याण बोर्ड का गठन करने के साथ ही शिक्षक संघ को मान्यता देने, समस्त वेतन विसंगतियों को दूर करके केंद्र के समान वेतनमान देने और राज्य में 8 ,16 ,24, 32 वर्ष पर एसीपी देने, पिछले तीन वर्षों की रूकी पदोन्नतियों को करते हुए रिक्त पदों को पारदर्शी तरीके से भरने,नई भर्ती प्रतिवर्ष करने ,शिक्षकों को समस्त गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करने और केवल शिक्षण कार्य ही करवाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू करने ,तृतीय श्रेणी सहित सभी वर्गों के स्थानांतरण करने के साथ ही पारदर्शी स्थानांतरण नीति बनाकर शिक्षा में राजनीतिक हस्तक्षेप समाप्त करने, संविदा कर्मियों को नियमित करने के साथ भविष्य में संविदा भर्ती नहीं करने, पुरानी पेंशन योजना को जारी रखने के साथ ही 25 वर्ष की सेवा पर पूर्ण पेंशन की बाध्यता को समाप्त करने की गारंटी देने की मांग की ।प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने कहा कि राज्य में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने और मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने, शिक्षक पद की प्रतिष्ठा पुनर्स्थापित करने जिसमें आवश्यक सेवाओं के सम्मान टोल फ्री सुविधा देने, किसी भी सरकारी कार्यालय में शिक्षक का सम्मान हो, परिवहन निगम में शिक्षकों के लिए कम से कम पांच सीट रिजर्व करने के साथ ही विद्यालयों में कार्यरत कुक कम हेल्पर का मानदेय बढ़ाने जैसी प्रमुख मांगों को घोषणा पत्र में शामिल करते हुए सरकार बनने पर उक्त सभी घोषणाओं को समय पर लागू करने का सुझाव दिया। इस प्रकार शिक्षकों की प्रमुख मांगों से राजनीतिक दलों द्वारा प्रमुखता से कार्यवाही करने का भरोसा दिलाने से शिक्षक वर्ग में अपनी समस्याओं के समाधान के लिए विश्वास का भाव पैदा होगा।संगठन द्वारा शिक्षक हित में इस प्रकार के नवीन प्रयास के लिए चित्तौड़गढ़ से प्रदेश शैक्षिक प्रकोष्ठ में शिक्षा सह संयोजक डॉ हीरा लाल लुहार ,जिला महिला संगठन मंत्री दीपिका झाला,जिला सभाध्यक्ष सैयद मुकर्रम अली,उपसभाध्यक्ष उदय लाल अहिर,कमलेश कुमार,जिला महिला मंत्री मधु जैन ,जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश दत्त व्यास,जिला उपाध्यक्ष हमीर सिंह राजपूत ,अशोक कुमार कोचिटा,नाथू लाल डांगी,सचिव मुकेश कुमार त्रिपाठी,अतिरिक्त जिला मंत्री राजेंद्र कुमार व्यास,शिक्षक प्रतिनिधि सुशील कुमार लड्डा, जिला प्रबोधक प्रतिनिधि चंदन सिंह शक्तावत और मीडिया प्रभारी पूरण मल लौहार सहित सभी पदाधिकारियों और शिक्षकों ने सराहना करते हुए कहा कि इससे शिक्षा जगत में एक नए विश्वास का संचार होगा।

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