2 करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर 12.20 लाख रुपए हड़पने का मामला सामने आया है। फाइनेंस कंपनी के लोन सहमति-पत्र में राशि शामिल ही नहीं है। मामले को लेकर पीड़ित ने रिपोर्ट दी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस जांच में जुट गई है।
उदयपुर के अंबामाता पुलिस के अनुसार सहेली नगर निवासी प्रतीक पुत्र सुरेशचन्द्र पारीक ने कोर्ट में इस्तगासा पेश किया, जिसमें बताया कि यादव कॉलोनी अंबामाता निवासी मनीष कोटिया उनसे मिला और बताया कि वह लोन दिलाता है। उनकी फाइनेंस कंपनी में नरेश व धर्मवीर सिंह भागीदार है। उन्हें पैसों की जरूरत थी। मनीष ने उनके मकान पर 2 करोड़ रुपए का लोन नामदेव फिनसर्व फाइनेंस कंपनी से दिलाने का आश्वासन दिया।
मनीष ने पीड़ित से मकान के कागज लिए। इसके बाद परिजनों को लोन कराने के लिए परिवार की सहमति मांगी। परिवार ने मना किया तो आरोपियों ने परिजनों के फर्जी साइन कर दिए। फिर सीएसएल फाइनेंस कंपनी में लोन के लिए फाइल लगवा दी। जबकि आरोपी नामदेव फिनसर्व फाइनेंस कंपनी से लोन कराने वाले थे।
तीनों आरोपियों ने लोन कराने की स्टांप व प्रोसेस फीस के 1 लाख रुपए लिए। फिर 8 व 9 अगस्त 2023 को स्टांप ड्यूटी व प्रोसेस फीस के नाम पर 12.20 लाख रुपए हड़प लिए। फिर उन्हें फाइनेंस कंपनी से लोन का सहमति पत्र मिला। इसमें स्टांप ड्यूटी व प्रोसेस फीस की शामिल नहीं थी। आरोपियों ने धोखाधड़ी कर ये रुपए हड़प लिए।