चित्तौड़गढ़। नारी अपने आप को अबला मानना अथवा नारी को अबला के नाम से पुकारना साक्षात दुर्गा लक्ष्मी और सरस्वती का अपमान करने के समान है। उप्रवर्तक डॉक्टर सुभाष मुनि के सानिध्य मेंराष्ट्रीय संत कमलमुनि कमलेश नेअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित महिला सम्मेलन को संबोधित करते कहा कि नारी जितनी ऊर्जावान और संस्कारित होगी उतना ही मानवता का भविष्य उज्जवल होगा।
उन्होंने कहा कि पुरुष प्रधान मानसिकता नारी के विकास में सबसे बड़ा बाधक तत्व है नारी को समान अधिकार देने का आव्हान किया। मुनि कमलेश ने कहा कि नारी कहीं सुरक्षित नजर नहीं आ रही है दहेज भ्रूण हत्या छेड़छाड़ बलात्कार का शिकार बनाया जा रहा है इनके खिलाफ क्रांति का शंखनाद नारी को करना होगा।
जैन संत ने कहा कि भ्रूण हत्या मातृत्व की हत्या के समान है मानवता पर कलंक और अभिशाप है लिंग भेद की मानसिकता इसकी दोषी है। प्रखर व्याख्यानी लोकेश मुनि तपोमूर्ति घनश्याम मुनि सेवाभावी जिनेंद्र मुनि अपने विचार व्यक्त किए।
जैन दिवाकर महिला मंडल सेंती की ओर से आयोजित कार्यक्रम में श्वेता सेठिया दिलखुश फिरोदिया कंचन संचेती पदमा पगारिया प्रमिला वडाला कीर्ति पोखरना संगीता चिपड़ पुष्पा सालवी ने विचार व्यक्त किए।
अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच नई दिल्ली महिला शाखा की ओर से पुष्पा सालवी को दिवाकर रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। जैन दिवाकर कमल गो सेवा संस्थान अध्यक्ष संगीता चिपड़ महामंत्री दिलखुश फिरोदिया दिवाकर महिला परिषद अंगुरबाला भड़कतिया चंदनबाला महिला मंडल प्रमिला वडाला अखिल भारतीय दिवाकर महिला मंडल की महासचिव स्वाति छाजेड़ जैन दिवाकर महिला मंडल सेंती सरोज नाहरका स्वागत किया गया। मुनि कमलेश 9 मार्च को विहार करके शाम तक गंगरार, 10 मार्च को हमीरगढ़ और 11 मार्च को भीलवाड़ा अहिंसा भवन शास्त्री नगर प्रवेश होगा।