कोटड़ी चारभुजा। चारभुजा की आत्मा का निवास गौमाता में है गौमाता तड़पती है तो चारभुजा तड़पते हैं। उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि गाय की आत्मा सुखी होगी तभी चारभुजा भगवान प्रसन्न होंगे।
उन्होंने कहा कि यदि गौ माता की सेवा कन्हैया नहीं करते तो चारभुजा जी नहीं बनते। उनके भंडार में निकलने वाले सब राशि का अधिकार गौ माता का है। गौ माता की सेवा में चारों धाम यात्रा से बढ़कर है।
मुनि कमलेश ने बताया कि गौमाता का कत्ल होना 33 करोड़ देवता का कत्ल होने के समान है एक गौ माता को बचाना पांच मंदिर बनाने से बड़ा लाभ है।
राष्ट्रसंत ने कहा कोटड़ी शहर में घूमने वाले गोवंश से मुक्त कराना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए एक तरफ मंदिर में मार्बल की गाय और नंदी की पूजा करें और जीवित को गंदगी और प्लास्टिक थैली खाने को मजबूर करें कहां तक उचित है।
जैन संत ने बताया कि पशुधन नहीं बचा तो छप्पन भोग किसके बनाओगे यूरिया, कास्टिक सोडा दूध के बनाएंगे मंदिरों में दीप मैं कौन सा काम आएगा पशु बचेंगे तो संस्कृति बचेगी शाकाहार बचेगा और विश्व की सुरक्षा होगी।
चारभुजा मंदिर ट्रस्ट की ओर से राष्ट्रसंत का साहित्य भेंट कर अभिनंदन किया गया। जमुना लाल सुथार श्याम सुंदर चेचानी सुदर्शन गाड़ोदिया ओम मूंदड़ा चंपा लाल तेली निर्मल लोड़ा दलपत डांगी प्रकाश पोखरना प्रदीप तरावत ने नागरिक अभिनंदन किया।