बड़ीसादड़ी। संथारा विशेषज्ञ धर्म मुनि मसा की सुशिष्या श्रमण संघीय महासती धैर्य प्रभा मसा ने जैन दिवाकर प्रवचन हॉल में आयोजित धर्मसभा में फरमाया कि भगवान महावीर स्वामी , जैन दिवाकर , श्री राम,कृष्ण महाराज आदी को याद करने का प्रमुख कारण क्या है ? उन्होंने भी हमारी तरह एक इंसान के रूप में गृहस्थी के रूप में ही जन्म लिया था फिर भी उनको याद करने का प्रमुख कारण यह है कि वह एक पहचान बना कर गए।
हमें भी अपनी एक पहचान बनानी है। वह पहचान खाने-पीने से सोने से घूमने फिरने से नहीं बनेगी ,वह पहचान तो धर्म आराधना, धर्म साधना करने से एवं धर्म सभा में आने से बनेगी।
धर्म सभा मैं ही आपको आपकी पहचान होगी कि आप कौन हो ,क्या हो ,और कहां से आए हो और कहां जाओगे। अर्थात इस धर्म स्थानक में आकर के अपनी पहचान बनाईये। ताकि आने वाली पीढ़ीया आपको भी महापुरुषों की तरह याद करें। कितने ही जन्मों मैं आप गृहस्ती बने होंगे ओर ना जाने कितने जन्मो तक बनोगे। लेकिन इस जन्म में अपनी पहचान बनाकर एक सच्चे श्रावक बनकर दिखाना है। चारो ही महासतियो ने प्रवचन की सुरुवात मधुर भजन के साथ की।
मानो चातुर्मासिक प्रवेश हो रहा हो
इससे पूर्व साटोला गांव से जैन दिवाकर विहार सेवा समिति के अनेक सदस्यो के साथ बड़ीसादड़ी नगरी में पहली बार महासती मंडल ने सुबह 8.30 बजे नगर प्रवेश किया। जहा से अनेक श्रावक-श्राविकाओं के साथ मे गुरुदेव जैन दिवाकर ओर गुरुदेव धर्म मुनि मसा के जयकारों के साथ 9.15 बजे जैन दिवाकर सामायिक भवन में भ.महावीर जयंती महोत्सव कार्यक्रम मनाने के लिए मंगल प्रवेश किया। यह प्रवेश ऐसा लग रहा था जैसे चातुर्मासिक मंगल प्रवेश हो। क्योंकि इसमें श्राविकाओ ने लाल चुन्दडी एवं श्रावको ने सफेद ड्रेस पहने मंगल गीत गाते हुए वातावरण को महकाते चल रहे थे। तो युवा मंच के साथी गुरुदेव के जयकारों से वातावरण को गुंजायमान कर रहे थे।
प्रवेश से पूर्व लाभार्थी परिवारों द्वारा सभी के लिए नवकारसी ( अल्पाहार) की व्यवस्था की गई।
प्रभावना प्रदीप कुमार गांग परिवार की ओर से रखी गई।
संचालन पूर्व मंत्री अनिल मेहता ने किया।
प्रवचन सभा कल से
बुधवार से रोजाना प्रवचन सभा सुबह 9.00 बजे से 10.15 बजे तक जैन दिवाकर प्रवचन हॉल में आयोजित होंगे।