सोमवार से जयपुर के शिप्रा पथ, मानसरोवर स्थित ग्राउंड में राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ का महापड़ाव शुरू हुआ। वादाखिलाफी के विरोध में राज्य के कर्मचारियों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसमें कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार हमारी बात नहीं मानती है सारे मंत्रालयिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
राजस्थान राजस्व मंत्रालय संघ द्वारा अपनी विभागीय मांगों के साथ-साथ प्रदेश के समस्त मंत्रालय कर्मचारियों की कॉमन मांगो की प्राप्ति हेतु राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ द्वारा महापड़ाव किया जा रहा है। कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी ने बताया कि राजस्थान के अलग-अलग जिलों में कर्मचारी संघ 10 अप्रैल से ही सामूहिक अवकाश पर है। लेकिन सरकार द्वारा किसी भी बात को लेकर चर्चा ना होने से खफा होकर जयपुर के मानसरोवर में राज्य के समस्त कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन अवकाश पर जा रहे हैं। सोमवार से शुरू से महापड़ाव में पूरे राजस्थान से 15 से 20000 कर्मचारी प्रतिदिन शामिल होंगे।
राजस्थान के अलग-अलग जिलों में कर्मचारी संघ 10 अप्रैल से ही सामूहिक अवकाश पर है
प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी का कहना है कि सरकार से हमारी दो बार वार्ता हो चुकी है लेकिन सरकार हमें आश्वासन दे रही है ,हमें आश्वासन नहीं आदेश चाहिए। हमारी पीड़ा है कि मुख्यमंत्री ने जो बजट से पूर्व संवाद किया था उसमें भी हमने अपनी बात रखी थी। मुख्यमंत्री जी सबको दे रहे है लेकिन बड़े अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि सरकार का हमारी ओर कोई ध्यान नहीं है। हमारे कनिष्क सहायक का वेतनमान बहुत कम है। 2013 में मुख्यमंत्री ने प्रारंभिक वेतन 9840 देकर गए थे ,2018 में वसुंधरा सरकार ने 8080 कर दी। हमारी सरकार से यही मांग है कि इसे पुनः 9840 की जाये। प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी का कहना है कि हमारी बात मुख्य सचिव से हुई थी तो उनका कहना था कि आप इस महापड़ाव को स्थगित कर दें हम इस पर विचार करेंगे। लेकिन इस बात पर सहमति नहीं बनी। इस महापड़ाव में पंचायत, निगम सहित कई अन्य विभाग के कर्मचारी शामिल है।
कर्मचारी संघ की प्रमुख मांगे निम्न है: –
- स्टेट पेरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक की ग्रेड पे 3600 की जाए।
- पंचायती राज संस्थाओं में अधीनस्थ विभागों हेतु तय मानदंडों के अनुसार पदोन्नति के पद सृजित किए जाए।
- विभिन्न संस्थाओं में कनिष्ठ सहायक की मिनिमम योग्यता स्नातक की जाए।
- वरिष्ठ लिपिक के पदों में वृद्धि की जाए
- पंचायती राज संस्थाओं में अंतर जिला स्थानांतरण किया जाए