इन्दौर। गाय संस्कृति का आधार, पर्यावरण का प्राण, आर्थिकता के लिए ऑक्सीजन के समान महत्वपूर्ण है। उक्त विचार राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने अहिल्या माता कालोनी यशवंत निवास रोड पर छगनलाल पोरवाल के सभागार में प्रवचन देते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि इंसान के बिना पशु जंगल में भी जिंदे रह सकते हैं परंतु पशु के बिना इंसान एक पल जिंदा नहीं रह सकता। पशुओं का कत्ल इंसान के कत्ल से बढ़कर है।
मुनि कमलेश ने गाय को सत्ता के स्वार्थ के लिए उपयोग लेने वालों को कड़ी फटकार लगाते कहा कि दोहरा चरित्र धर्म और देश की जनता के साथ धोखा है। राष्ट्रसंत ने कहा कि देश के सभी पार्टियों को गाय के बारे में स्पष्ट नीति की घोषणा करनी चाहिए तुष्टीकरण सिद्धांत हीनता अधर्म और पाप है।
जैन संत ने केंद्र सरकार से तत्काल गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने और गौ मांस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए नहीं नहीं तो राष्ट्रव्यापी अहिंसक आंदोलन किया जाएगा।
पश्चात आप राणीसती गेट पर पधारे। यहाँ पर बड़ी संख्या में समाजजन वह महिलाये गुरुदेव के नगर प्रवेश के लिए उपस्थित थे। मंगल जुलूस में श्री वर्धमान श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट उपाध्यक्ष अचल चौधरी, महामंत्री श्री रमेश भंडारी, संयोजक प्रकाश भटेवरा, डीपीन जैन, रेणु जैन, राजेन्द्र महाजन, राज कुमार जैन, कैलाश नाहर, ललित छल्लानि, पंजाबी, सुविधि जावेरी, अशोक मंडलीक, गजेंद्र बोड़ाना, छगनलाल जैन, विमल तांतेड़, पदम तांतेड़, संतोष जैन मामा, नगीन नारेलिया, हिमांशु बोटादरा, पुष्पा डागरिया, कोमल मूणत, स्वर्णा ठाकुरिया, राजेश सुराणा, समरथ मल कोठारी, सुनील सांड, एवं युवा संघ के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे। जुलूस व्यवस्था संचालन श्री जिनेश्वर जैन ने किया।