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एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई भी मामला पेंडिंग नहीं है। गहलोत बोले, जहां तक पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ एक्शन का सवाल है, मैं अभी भी तैयार हूं। चाहे मुझे कोई आम नागरिक भी बताए कि यह मामला उस वक्त में बाकी रह गया था। क्योंकि हमने जो आरोप लगाए थे उसका मैं पहले ही निस्तारण कर चुका हूं। सुप्रीम कोर्ट में, हाईकोर्ट में मामला चला।
गहलोत ने कहा कि तब माइंस के आवंटन का एक बड़ा मुद्दा था, वो सभी माइंस कैंसल की जा चुकी हैं। गहलोत ने कहा कि वसुंधरा राजे के खिलाफ एक मुद्दा बचा है और वो ईडी का है। मेरे हिसाब से बाकी कोई मुद्दा पेंडिंग नहीं है। अगर अब वो कोई बताएगा तो हम कार्रवाई कर देंगे।
इस टॉपिक को खत्म कर दीजिए…
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के इश्यू पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा, पिछले दिनों एक बार हम बैठे हैं। मैं उस पर अब कुछ भी बात करूं, तो उसको अदरवाइज दिया जाता है। इसलिए इस टॉपिक को खत्म कर दीजिए। क्योंकि यह हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है।
सचिन पायलट की तीनों मांगें मानने से इनकार…
सचिन पायलट ने 15 मई को जयपुर से जयपुर पहुंची अपनी जन संघर्ष यात्रा के समापन पर भांकरोटा में जनसभा कर गहलोत सरकार को अल्टीमेटम दिया था कि अगले 15 दिन में तीन मांगें पूरी हो जानी चाहिए। वह टाइम पीरियड 30 मई को ही खत्म हो चुका है। उसके बाद 12 दिन ऊपर हो चुके हैं। मांगों में पिछले बीजेपी की वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करवाने, आरपीएससी को भंग करके पुनर्गठन करने और इसके अध्यक्ष-मेंबर की नियुक्ति में आमूलचूल बदलाव करने, पेपरलीक से प्रभावित बेरोजगारों को मुआवजा देने की मांग रखी थी।
सीएम गहलोत ने सिंधी कैंप में बस टर्मिनल के लोकार्पण के मौके पर पायलट की ओर से उठाई गई मुआवजे की मांग को विपक्ष का ‘बुद्धि का दिवालियापन’ बता दिया था। आरपीएसएसी भंग करने की मांग पर भी गहलोत ने कहा था कि वह संवैधानिक और स्वायत्तशासी संस्था है। मेम्बर तक पर कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति तक फाइल जाती है। पायलट हमारी कांग्रेस परिवार के मेंबर हैं। इसलिए उनकी बात का वजन है, हमने एग्जामिन करवाया है। संविधान में आरपीएससी को भंग करने का प्रावधान ही नहीं है।