नई दिल्ली। भारत की अध्यक्षता में जी-20 देशों की बैठक का आरंभ आज बृहस्पतिवार से बेंगलुरु से कर दिया गया है। जी-20 समूह की भारत की अध्यक्षता के तहत पर्यावरण एवं जलवायु स्थिरता कार्य समूह की पहली बैठक में खनन और वन में आग लगने से प्रभावित इलाकों के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित किए जाने का निर्णय लिया गया। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित इस सम्मेलन की अध्यक्षता मंत्रालय की सचिव लीना नंदन कर रही हैं। इस कार्य समूह की फरवरी और मई के बीच चार बैठक होगी।
बेंगलुरु में शुरू हुई पहली बैठक नौ फरवरी तक चलेगी, दूसरी बैठक गांधीनगर (27-29 मार्च) में होगी, तीसरी मुंबई (21-23 मई) में और चौथी चेन्नई (26-27 मई) में होगी। मंत्री स्तरीय बैठक चेन्नई में 28 जुलाई को होने की संभावना है। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए एक एकीकृत, व्यापक और सर्वसम्मत दृष्टिकोण अपनाने के लक्ष्य के साथ जी-20 देशों के कई प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ इस बैठक में शामिल हो रहे हैं। भारत द्वारा जी20 समूह की अध्यक्षता का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए एक एकीकृत, व्यापक और सर्वसम्मत दृष्टिकोण अपनाना है और सतत विकास को आगे बढ़ाना है।
तुर्की समेत जी20 देशों के प्रतिनिधि करेंगे भुज में भूकंप पीड़ितों के स्मारक का दौरा
पहली जी-20 का विषय ‘लाइफ’ – पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देना है। अधिकारियों ने बताया कि ‘लाइफ’ एक महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय बैठक के दौरान पारिस्थितिकी तंत्र बहाली और जैव विविधता पद्धति पर एक कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। जी20 समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है। जी20 के प्रतिनिधियों के एक समूह का 2001 के विनाशकारी भूकंप के बाद भुज में बनाए गए एक ऐतिहासिक स्मारक का शुक्रवार को दौरा करने का कार्यक्रम है। यह समूह पर्यटन के तहत अभी जी20 की पहली बैठक के लिए गुजरात में कच्छ के रण में है और प्रतिनिधियों में से तीन तुर्किये से हैं। उनकी यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब कुछ दिन पहले तुर्किये तथा सीरिया में 7.8 तीव्रता के भूकंप में 19,300 से अधिक लोगों की मौत हो गयी तथा हजारों इमारतें जमींदोज हो गयी।