इस धार्मिक अनुष्ठान के अंतिम दिन स्वामी राम स्वरूप दास द्वारा भगवान कृष्ण की सर्वोपरि लीला श्री रासलीला, मथुरा गमन, दृष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंस वध ,कुब्जा उद्धार ,शिशुपाल वध, रुक्मणी विवाह, सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया। इस दौरान कथा में भजन गायन ने उपस्थित लोगों को भक्ति ताल व धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया।
सुंदर समाज के निर्माण के लिए युवाओं को किया प्रेरित
स्वामी रामस्वरूप दास द्वारा विगत 7 दिनों तक भगवान कृष्ण के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
विशाल महा प्रसादी का हुआ आयोजन
इस दौरान भागवत कथा में आसपास के गांव के अलावा दूध जरा से भी काफी संख्या में महिला पुरुष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। 7 दिनों तक इस कथा में पूरा वातावरण भक्ति में रहा। कथा की समाप्ति पर समस्त ग्राम वासियों द्वारा विशाल महा प्रसादी का आयोजन किया गया।आयोजन करता ग्राम वासियों द्वारा बताए गए कि लगभग 8 हजार लोगों ने स्नेह भोज के रूप में महाप्रसादी का प्रसाद ग्रहण किया