चित्तौड़गढ़ , दर्शन न्यूज़, संजय खाबिया।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं ओमी पुरोहित अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) चित्तौड़गढ़ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश भानु कुमार ने सांवलियाजी राजकीय चिकित्सालय में संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर का औचक निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित संचालिका श्रीमती नीतु जोशी ने बताया कि निर्भया योजना के अंतर्गत केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के तत्वाधान में महिला अधिकारिता विभाग के निर्देशन में किसी भी प्रकार हिंसा से पीड़ित महिलाओं के निःशुल्क 5 दिन तक रहना खाना एवं अस्थाई आश्रय के साथ विधिक सहायता पुलिस सहायता, चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाती है। पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी जाती है। पीड़ित महिला कार्यालय के दुरभाष संख्या 01472-294802 तथा 181 पर सम्पर्क करके भी सहायता प्राप्त कर सकती है। सेन्टर पर चार परामर्श दाता, तीन सुरक्षा कर्मी, दो कम्प्युटर कर्मी, तीन हेल्पर प्रभारी सहित पारी अनुसार 24 घंटे सेवाएं देते है। सेन्टर पर अधिकतम 5 महिलाएं एक साथ निःशुल्क आश्रय ले सकती है। संचालिका श्रीमती जोशी ने बताया कि सेन्टर के पास स्वयं का भवन नहीं है। चिकित्सालय परिसर के पिछले हिस्से मे मात्र दो कमरों में सेन्टर संचालित है। जिससे सेन्टर के कार्यप्रणाली एवं आश्रय लेने वाली महिलाओं की सुरक्षा में कठिनाईयां होती है। जिस पर सचिव भानु कुमार ने भवन तथा सुरक्षा व्यवस्था हेतु आवश्यक कदम उठाये जाने हेतु दिशा निर्देश प्रदान किये। सचिव द्वारा सेन्टर के केस रजिस्टर, नाबालिग रजिस्टर, 181 का रजिस्टर, पत्रावलीयों तथा पुलिस कार्यवाही रजिस्टर का अवलोकन किया। दोरान निरीक्षण सेन्टर पर एक नाबालिग बालिका आश्रय लिये हुए पाई गई। सुरक्षा के लिए महिला कानि. उपस्थित थी। आश्रित बालिका से सेन्टर द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं की जानकारी ली गई तथा बालिका को किसी भी प्रकार की विधिक सहायता उपलब्ध कराने हेतु सेन्टर के मार्फत अथवा व्यक्तिगत रूप से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में सम्पर्क करने हेतु सलाह दी गई।
निरीक्षण के दोरान प्रभारी नीतु जोशी के अतिरिक्त सुमित्रा रेगर, लक्ष्मी जोशी, ममता बैरवा, सुधा शर्मा, सुमन सैन, नारायण कुमावत, लविना भटनागर एवं ममता तैली उपस्थित थे।