चित्तौड़गढ़। राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश ने वीरवाल समाज के निर्माता पंडित समीर मुनि जी की पुण्यतिथि पर संबोधित करते कहा कि बिखराव टकराव को परस्पर अलगाव हिंसा की जननी है।
उन्होंने कहा कि अहिंसा वादी संगठित होकर प्रशिक्षित और अदम्य साहस के साथ धर्म स्थान की चारदीवारी से बाहर निकलकर अहिंसा की आवाज बुलंद करनी होगी
मुनि कमलेश से बताया कि आग से आग नहीं बुझाई जा सकता वैसे हिंसा को हिंसा से कभी समाप्त नहीं किया जा सकता अहिंसा की महान शक्ति विश्व को विनाश के बचा सकती है।
राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि हम किसी के बचाने की बात करके उन पर एहसान नहीं कर रहे हैं बल्कि उनकी सुरक्षा नहीं हमारी सुरक्षा निहित है
जैन संत ने बताया कि विचारों में सात्विकता जीवन में निर्मलता और व्यवहार में मधुरता शहंशाह की सच्ची निशानी है
उपप्रवर्तक कोमल मुनि जी ने कहा कि पूरे विश्व के कोने कोने में अहिंसा की क्रांति के शंखनाद का संकल्प लेना है
प्रखर वक्ता श्री लोकेश मुनि जी ने कहां की एक को अहिंसक बनाना तीन लोक की संपत्ति से बड़ा दान
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