माइंस एरिया में कुएं के पास खेल रही एक आठ साल की बच्ची की डूबने से मौत हो गई। बच्ची के साथ दो-तीन बच्चे भी खेल रहे थे। दूसरे बच्चों ने बकरी चराने गए ग्रामीणों ने सूचना दी। ग्रामीणों ने शव को कुएं से बाहर निकाला। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जानकारी ली।
हादसे के बाद ग्रामीणों और परिजनों ने बिरला सीमेंट की जाई-सुरजना माइंस स्थित क्रेशर ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। परिजनों ने मुआवजे की मांग की है। उन्होंने बताया कि जाई और सुरजना दोनों ही गांव के आस-पास बिरला सीमेंट वर्क्स का माइनिंग क्षेत्र है और क्रेशर भी स्थापित किया हुआ है,जहां से पत्थर बिरला सीमेंट फैक्ट्री जाते हैं। बिरला सीमेंट ने क्षेत्र में काफी जमीन भी लीज पर ली हुई है। इसमें कुएं और गड्ढे बने हुए थे। जहां पर बिरला सीमेंट की ओर से सुरक्षा को लेकर कोई उपाय नहीं किए हुए हैं।
इस क्षेत्र में आस-पास के लोग मवेशी चराने आते हैं। बताया जा कि यहां आछोड़ा निवासी वंदना (8) पुत्री श्रवण नट भी संभवतया मवेशी चराने आई थी और अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी। खेलते खेलते बच्ची बिना मुंडेर के कुएं के पास चली गई और उसमें डूबने से उसकी मौत हो गई। पास में खेल रहे अन्य बच्चों ने इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों को दी, जो मवेशी चरा रहे थे। उन्होंने गांव में सूचना दी। मौके पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और बालिका के शव को बाहर निकाला।
देर रात तक चला प्रदर्शन
इस बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों में घटना को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीणों ने बिरला सीमेंट के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बाद में सभी ग्रामीण शव लेकर बिरला सीमेंट के क्रेशर कार्यालय पर पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन किया। देर रात तक प्रदर्शन चलता रहा।
मौके पर पुलिस उप अधीक्षक बुद्धराज टांक, कोतवाली थानाधिकारी विक्रम सिंह मय जाप्ता, चंदेरिया थाना जाब्ता भी पहुंचा। सीमेंट के अधिकारियों के बीच बात हुई जिसमें बच्ची के पिता को बिरला सीमेंट में नौकरी, चिरंजीवी योजना के तहत सरकार की ओर से डेढ़ लाख रुपए दिए जाएंगे। इस मांग पर बच्ची के शव को हटाया गया और शव को मोर्चरी में रखवाया गया।
सुरक्षा के नहीं है इंतजाम
इस बारे में पूर्व सरपंच सत्यनारायण वैष्णव ने बताया कि बिरला सीमेंट की लापरवाही के चलते बालिका की मौत हुई है। यहां सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। तारबंदी की गई होती तो बालिका नहीं डूबती। इधर, सुरजना निवासी गोपाल सालवी ने बताया कि ऐसी घटनाओं पर प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौन है।
बिरला सीमेंट प्रबंधन की ओर से अवैध खनन और लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रदूषण सभी के लिए खतरे का सबब बना हुआ है। कई बार प्रशासन को अवगत कराया लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। सीमेंट प्रबंधन की लापरवाही के चलते बालिका की डूबने से मौत हो गई।