बड़ीसादड़ी। गौरव बाल ब्रह्मचारी महासती श्री सज्जन कुँवर जी महाराज साहब की 108 वीं जन्म जयंती महोत्सव आयंबिल एवं एकासन दिवस के रूप में जैन दिवाकर सामायिक भवन में श्रमण संघीय महासती वैभव श्री मसा एवं मधुर गायिका साध्वी प्रांजल श्री मसा आदि ठाणा-2 के पावन सानिध्य में धर्म आराधना के साथ मनाई गई।
जैन दिवाकर प्रवचन हाल में सुबह 9.00 बजे से आयोजित गुणानुवाद सभा में श्रमणसंघीय महासाध्वी वैभव श्री मसा ने फरमाया कि जो महान आत्माएं होती है जो कुछ करके जाती हैं ऐसी ही आत्माओं को युगो युगो तक याद किया जाता है । उन्हीं महान आत्माओं में से एक है बड़ीसादड़ी गौरव महासती सज्जन कुवर जिन्होंने हमें आगे बढ़ने की सोच और विचार दिये ओर सही मार्ग बताया। महासती सज्जन कुँवर ने मात्र 8 वर्ष की उम्र में संयम को ग्रहण कर लिया और उनको संस्कार देने वाली उनकी माता हीर कुंवर ने भी उनके बाद संयम को ग्रहण कर लिया। महासती सज्जन इस नगरी में पैंतीस वर्षो तक स्थिरवास रहे।
8 वर्ष की उम्र में ही श्रमण संघ के आचार्य देवेंद्र मुनि जी महाराज साहब ने भी संयम को ग्रहण किया था। खेलने- कूदने की उम्र में संयम को लेना अपने परिवार के संस्कारों को दर्शाता है ।
आगे फरमाया कि सारी दौलत एक तरफ और संयम की दौलत एक तरफ अर्थात जिस दौलत के पीछे तुम दिन-रात लगे हुए हो और अपने बच्चों को भी वही शिक्षा दे रहे हो लेकिन याद रखना यह दौलत सिर्फ इसी जन्म में काम आएगी। लेकिन महापुरुषों ने जो संयम की दौलत कमाई है वह सैकड़ों वर्षो बाद भी काम आ रही है और धर्म आराधना तप-त्याग ओर दान पुण्य हो रहे हैं ओर होते रहेंगे।
मधुर गायिका प्रांजल श्री मसा ने
आज जन्म दिन गुरणी सा का आया है…… भजनों के माध्यम से महासती के गुणगान एवं विचार रखे ।
साथ ही संघ अध्यक्ष दिलीप दक, नरेंद्र सर्राफ, पूर्व मंत्री अनिल मेहता, जीवन जारोली, राजकुमारी गांग, पूर्व मंत्री प्रकाश धाकड़, स्वाध्यायी ज्ञानमल मोगरा आदि ने भी विचार रखे।
आयंबिल एवं एकासन करने वाले तपस्वियों के पारणे की व्यवस्था एवं प्रभावना प्रकाश चंद्र विपिन कुमार धाकड़ परिवार की ओर से रखी गई।
प्रवचन सभा मे प्रश्न मंच का कार्यक्रम भी रोजाना आयोजित हो रहा है।
एवं प्रत्येक रविवार को सुबह 7.00 बजे से शाम को 7.00 बजे तक लगातार नवकार महामंत्र का सामूहिक जाप लाभार्थी परिवारों द्वारा हो रहे है।