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![पर्यटन विकास समिति की बैठक को संबोधित करते कलक्टर एवं शामिल अधिकारी। - Dainik Bhaskar](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/07/13/tourist11_1689226945.jpg)
लेकसिटी में टूरिस्ट का फ्लो अच्छा है लेकिन जरूरत इस बात की है यहां पर उनको रोकना होगा। इसके लिए यह बहुत जरूरी है कि पर्यटन को ग्रामीण परिवेश, ट्राईबल कल्चर और नैसर्गिंक सौंदर्य से जोड़ा जाए। इसकी उदयपुर में अपार संभावनाएं भी है बस उस पर काम करने की जरूरत है।
यह बात जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक की में कही। उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से उदयपुर निश्चित रूप से समृद्ध हैं, लेकिन इसका वास्तविक लाभ अब तक ग्रामीण जनता को नहीं मिल पाया है। पर्यटन को ग्रामीण परिवेश, ट्राईबल कल्चर और नैसर्गिंक सौंदर्य से जोड़ने पर ही उदयपुर का भाग्य चमकेगा और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी इसका लाभ होगा और जीवन स्तर में सुधार होगा और टूरिस्ट बढ़ेंगे भी और यहां रुकेंगे भी।
उन्होंने कहा कि उदयपुर आने वाले पर्यटकों का यहां ठहराव बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्र की विशेषताओं से जोड़ना होगा। इसमें खास कर जनजाति परिवेश व संस्कृति, नदी-नाले और हरे-भरे पहाड़, यहां उपलब्ध दुर्लभ मेडिसिन प्लांट तथा नए विकसित किए जा रहे सीताफल एक्सीलेंस सेंटर, आम एक्सीलेंस सेंटर आदि को शामिल किया जा सकता है।
उन्होंने जिला मुख्यालय पर स्थित शिल्पग्राम की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों झाडोल-फलासिया, जयसमंद आदि स्थलों पर भी शिल्पग्राम स्थापित करने के प्रस्ताव बनाने की बात कही।
प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को बिरसा मुण्डा जयंती के अवसर पर उदयपुर में आदि महोत्सव मनाए जाने के लिए राज्य सरकार से आदि महोत्सव को पर्यटन विभाग के वार्षिक कलेण्डर में शामिल करने का भी आग्रह किया गया है तथा उसमें जल्द ही सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है।
![फाइल फोटो](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/07/13/pichol-ndd_1689227373.jpg)
मीणा ने शहर में हेरिटेज वॉक-वे शुरू करने के लिए गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम, युआईटी व पर्यटन विभाग के अधिकारियों को इसके लिए जल्द से जल्द कार्ययोजना बनाकर उसे मूर्तरूप देने के लिए पाबंद किया।
जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने पर्यटन विकास से जुड़े सुरक्षा मानकों पर चर्चा करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि उदयपुर में इको ट्यूरिज्म की प्रबल संभावनाएं हैं। माउंटेन ट्रेकिंग, एडवेंचरल एक्टीविटी के लिए स्थलों को चिन्हित कर प्रोपर गाइड की व्यवस्था जाए तो अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। प्रारंभ में पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना ने गत बैठक कार्यवाही विवरण प्रस्तुत किया।
इन महत्वपूर्ण बिन्दु पर भी दिए निर्देश
- पर्यटन विकास के जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सड़कों के विस्तार के प्रस्ताव तैयार किए जाए
- पर्यटन केंद्रों के आकर्षक साइन बोर्ड लगाए जाए
- बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पर पर्यटन स्वागत केंद्र संचालन को लेकर प्रस्ताव तैयार किए जाए
- उदयपुर के प्रमुख पर्यटक स्थलों की जानकारी बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि स्थलों पर डिस्प्ले की जाए
- चावंड, गोगुंदा में स्वीकृत राशि के अनुरूप जल्द कार्य शुरू किए जाए
- पिछोला में वाहन धुलाई रोकने के लिए लाल घाट पर गणगौर घाट की तर्ज पर प्रबंध किए जाए
- पर्यटकों से मनमाना किराया वसूली रोकने के लिए किराया दर डिस्प्ले की जाए
- शहर में ई-रिक्शा संचालन में होटल एसोसिएशन से भी सहयोग लिया जाए
- दूध तलाई में बंद पडे़ म्यूजिकल फाउंटेन को जल्द प्रारंभ शुरू कराया जाए
![Pari Jain dungla](https://secure.gravatar.com/avatar/f7d11d03b15b9f52d8875bed2162e5ce?s=96&r=g&d=https://darshan-news.com/wp-content/plugins/userswp/assets/images/no_profile.png)