IAS अधिकारी पीयूष सामरिया अब चित्तौड़गढ़ के नए कलेक्टर होंगे। इस समय वे नागौर के कलेक्टर है। कार्मिक विभाग ने देर रात प्रदेश के 39 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। वहीं चित्तौड़गढ़ के कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को उदयपुर की कमान सौंपी गई है।
अशोक गहलोत सरकार के साढ़े चार साल में यह सातवीं बार जिले में कलेक्टर चेंज हुए है। अरविंद कुमार पोसवाल ने जिले में लगभग 18 महीने बतौर जिला कलेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दी है। कलेक्टर पोसवाल लगातार तीसरी बार मेवाड़ क्षेत्र के जिले में ही कलेक्टर होंगे।
देर रात जारी की लिस्ट
राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सेवा अधिकारियों का लगातार ट्रांसफर किया जा रहा है। इसके तहत गुरुवार की रात प्रदेश सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया। कार्मिक विभाग ने प्रदेश के 39 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। इसके अलावा विभाग ने 2 आईएएस अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा है। इस आदेश के तहत नई लिस्ट में दो संभागीय आयुक्त और 6 जिला कलेक्टर बदले गए हैं।
फिर चित्तौड़ से जुड़े दोनों कलेक्टर
वर्तमान में पोस्टेड जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल और नागौर के कलेक्टर पीयूष सामरिया का डेढ़ साल पहले भी संजोग चित्तौड़गढ़ से जुड़ा था। डेढ़ साल पहले ही जारी किए गए 52 आईएएस अफसरों की लिस्ट में पीयूष सामरिया को चित्तौड़गढ़ कलेक्टर लगाया गया था। वहीं, लिस्ट में नागौर में अरविंद कुमार पोसवाल का नाम था। सिर्फ 15 घंटों में सरकार ने सिंगल आर्डर निकाल कर दोनों की अदला-बदली कर दी। जिसके बाद पोसवाल चित्तौड़ और सामरिया नागौर कलेक्टर बन गए। उस समय पोसवाल राजसमंद और सामरिया दौसा के कलेक्टर थे।
सातवीं बार बदले कलेक्टर
जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल लगातार मेवाड़ क्षेत्र के तीसरे जिले में कलेक्टर होंगे। पोसवाल इससे पहले भी उदयपुर के लिए ही कोशिश कर रहे थे। अब वो वहीं की कमान संभालेंगे। वैसे गहलोत सरकार के इन साढ़े चार सालों में चित्तौड़ में कलेक्टर बार बार बदले। देखा गया है कि यह सातवीं बार कलेक्टर चेंज किया गया है। पोसवाल से पहले चार कलेक्टर तो सिर्फ 9-9 महीने के लिए ही रहे। जबकि पोसवाल लगभग 18 महीने रहे। उन्होंने जनवरी 2022 में यहां पदभार ग्रहण किया था।
IRS और IAS बनकर दो कई पदों पर अपनी सेवाएं
पीयूष सामरिया नागौर से पहले दौसा कलेक्टर रह चुके हैं। सामरिया 2014 के IAS बैच के कैडर है। आईएएस बनने के बाद उन्होंने चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में सीईओ के पोस्ट पर काम किया। इसके अलावा वे राजस्थान ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के एमडी भी रह चुके हैं। पीयूष सामरिया मूलत राजस्थान के भरतपुर जिले से है। उन्होंने अपनी स्कूलिंग हैदराबाद से की है। उसके बाद आईआईटी मुंबई से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग पास की। उन्होंने टैक्स, लॉ और टैक्सेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है। 2010 के IRS (भारतीय राजस्व सेवा) में उनका सिलेक्शन हुआ था, जिसके बाद उन्होंने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में बतौर डिप्टी कमिश्नर के पोस्ट पर काम किया हुआ है। वे अपने स्कूल के समय में भी राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन खेल चुके हैं। सामरिया के पिता हीरालाल सामरिया भी एक IAS ऑफिसर है।