चितौड़गढ़, दर्शन न्यूज़, संजय खाबिया। शहर में चामटी खेड़ा मार्ग स्थित केसरबाग में आयोजित कार्यक्रम में यति जी का उपासरा के संत गुरुजी विनोदचंद्र यति को श्री पूज्य (आचार्य) को उपाधि दी गई। साथ ही सचिन को यति की दीक्षा दी गई। इस दौरान कई संतों के अलावा बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण मौजूद रहे।
जानकारी के अनुसार चित्तौड़गढ़ शहर में पुरानी टकसाल के निकट स्थित यति जी का उपासरा के संत विनोदचंद्र यति जी को उपाधि का कार्यक्रम हुआ। इसमें यति समाज की और से यति जी गुरुजी विनोद्रचंद्र यति को उपाधि दी गई। इसमें सभी यति गण एकत्रित होकर लंबे समय से यति दीक्षा अपनाने वाले गुरुजी विनोदचंद्र यति को समाज के मुख्य गण की और से श्री पूज्य की गद्दी पर बैठा कर उपाधि से अलंकृत किया। इस दौरान उन्हें शॉल ओढ़ाई गई। ओगा, मुपती, माला, छड़ी, चंवर आदि समाज के मुख्य गणों की और से भेंट कर बहुमान किया गया।उपाधि देने के बाद यति गण ने श्री पूज्य के चरणों में गुरु वंदन कर आशीर्वाद लिया और उद्घोषणा की गई। बाद में सभी समाज के लोगों की और से श्री पूज्य का अभिनंदन किया गया। गौरतलब है कि गुरुजी विनोदचंद्र को करीब 46 वर्ष पूर्व यति की उपाधि मिली थी। वहीं इस कार्यक्रम में ही सचिन को यति की उपाधि दी गई। सभी यति गण की और से शॉल ओढ़ाई और श्रीफल भेंट किया गया। इस दौरान हजारेश्वर महादेव मंदिर के महंत चंद्रभारती महाराज विशेष रूप से मौजूद रहे। यति समाज के वरिष्ठ सदस्य जालौर जिले से डॉ जुगराज गुरासा यति, मंदसौर जिले से बंशीलाल यति, भीलवाड़ा जिले प्रदीप यति व पप्पू यति, घोसुंडा से ओमप्रकाश यति, मंदसौर से मनीष यति व कांतिलाल यति, रतलाम जिले से पारसचंद यति सहित अन्य यति गण मौजूद रहे और उपाधि दी गई। इस दौरान मंगला चरण आचार्य श्रवण सामवेदी ने दिया। बाद में कई समाज के प्रबुद्ध जनों की और से श्री पूज्य विनोदचंद्र यति का सम्मान किया गया।