दर्शन न्यूज़ डूंगला राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने डूंगला प्रवास पर संगठन के कार्यकर्ताओं से संक्षिप्त वार्ता और वार्षिक सदस्यता अभियान की समीक्षा की।इस अवसर पर जिला संगठन मंत्री रमेश चंद्र पुरोहित,जिला उपाध्यक्ष नाथू लाल डांगी,जिला शिक्षक सदस्य सुशील कुमार लड्डा,जिला प्रबोधक प्रतिनिधि चंदन सिंह शक्तावत,उपशखा के सभाध्यक्ष वर्दी सिंह रावत,अध्यक्ष पूरण मल लौहार,मंत्री कमलेश चौधरी कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार सोनी सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे।शिक्षक समस्याओं पर चर्चा करते हुए पुष्करणा ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले शिक्षा सत्र में पांच हजार विद्यालयों को क्रमोन्नत तो कर दिया लेकिन एक साल बाद भी यहां न तो शिक्षक लगाए गए हैं और न ही पदों की स्वीकृति मिली। उच्च माध्यमिक में व्याख्याता नहीं है तो उच्च प्राथमिक में अध्यापकों का टोटा। ऐसे में यह कहा जाए कि विद्यालयों का सिर्फ साइन बोर्ड ही बदला है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। राज्य सरकार लगातार स्कूलों को क्रमोन्नत कर रही है । पिछले शिक्षा सत्र में 5680 विद्यालय क्रमोन्नत हुए हैं। इनमें से सबसे अधिकांश विद्यालय उच्च माध्यमिक बने। राउप्रावि से राउमावि में 1152 व रामावि से राउमावि में 3834 विद्यालय क्रमोन्नत हुए। उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विषय विशेषज्ञ के तौर पर व्याख्याताओं की नियुक्ति होती है। एक संकाय में कम से कम तीन व्याख्याता लगने हैं, लेकिन पूरा सत्र बीत गया, व्याख्याता लगाना तो दूर पद ही स्वीकृत नहीं किए हैं।
*राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने कहा कि सरकार के विद्यालय क्रमोन्नत करने के बाद बदला है तो स्कूल बोर्ड पर नाम। पहले जहां उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय लिखा हुआ था वहां अब उच्च माध्यमिक हो गया है।*
गांव में ही उच्च माध्यमिक विद्यालय होने पर अभिभावक खुश हुए तो
विद्यार्थियों ने भी सोचा अब पढ़ने के लिए दूसरे गांव नहीं जाना होगा। गांव में ही व्याख्याता लग जाएंगे तो पढ़ाई बढि़या होगी। लेकिन एक साल बाद भी व्याख्याता नहीं लगने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ऐसे में ग्रामीण प्रतिभाएं आगे बढ़े भी तो कैसे?
पुष्करणा ने बताया कि पिछले सत्र में क्रमोन्नत किए गए 5 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अभी तक व्याख्याताओं के पद स्वीकृत नहीं किए गए हैं। पिछले तीन सत्र से अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की डीपीसी भी बकाया चल रही है।संगठन ने अपने 11 सूत्री मांगपत्र के माध्यम से भी सरकार को अवगत कराया लेकिन कोई नया परिवर्तन सरकार के द्वारा इस दिशा में नहीं दिखाई देता है।पिछले सत्र में क्रमोन्नत स्कूल
राप्रावि से राउप्रावि 694,राउप्रावि से राउमावि 1152 और रामावि से राउमावि 3834 मिलाकर कुल क्रमोन्नत स्कूल 5680 रहे हैं।लेकिन सरकार ने इन विद्यालयों में विद्यालय स्तर के अनुसार पद नहीं भरे।आज भी नवक्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पूर्व के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षक ही सारी व्यवस्थाएं देख रहे हैं।आज शिक्षक कार्य के बोझ से दबा जा रहा है।एक और विद्यालयों में पूर्ण स्टाफ नहीं लगाया और जो है उन्हे लगातार गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा रहा है।संगठन ने 15 जुलाई को पूरे प्रदेश में उपशाखा स्तर पर शिक्षा बचाओ पदयात्रा निकालकर अपना विरोध प्रदर्शन किया है।आज प्रदेश का शिक्षक वर्ग अक्रोशित है।
राज्य में पांच हजार स्कूल क्रमोन्नत लेकिन न शिक्षक मिले न पढ़ाई सुधारी* *विद्यार्थी निजी विद्यालयों की ओर जाने को मजबूर
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