चित्तौड़गढ़ हिन्दुस्तान जिंक के चंदेरिया संयंत्र में बुधवार को गैस रिसाव हादसे की मॉक ड्रिल कर सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण किया गया। हाइड्रो रोस्टर 2 जीसीपी क्वींच टॉवर इनलेट के पास डक्ट से सल्फरडाइ ऑक्साइड गैस लिकेज होने और उसमें दो कर्मचारियों के बेहोश होने की जानकारी दी गई। सूचना पर जिंक एवं जिला प्रशासन के अधिकारी तुरंत हरकत में आए। भारत सरकार के नेशनल डिजास्टर मेनेजमेंट ऑथोरिटी के तहत हाइड्रो 2 में यह ऑफसाइट इमरजेंसी रेस्पोंस ड्रिल किया गया।
सबसे पहले जिंक की फायर ब्रिगेड एवं एंबुलेंस के साथ रेस्क्यू टीम पहुंची। एसबीयू हेड कमोद सिंह ने रेस्क्यू एवं कंट्रोल रूम पहुंच कर दिशा निर्देश दिए। जिला प्रशासन को सूचित किया। सेफ्टी हेड आदित्य सिंह एवं टीम,पायरो डिप्टी हेड चंडीदास, पंकज जैन, महेश कनन, युवराज सिंह,पीसी गर्ग, पदम लोचन, पीनल प्रजापत सहित सिक्योरिटी टीम पहंुची। प्लांट तुरंत बंद कर वहां मौजूद कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाला।
स्प्रींकलर सिस्टम, फायर ब्रीगेड, फायर हाईड्रेन्ट मोनिटर से पानी का क्लाउड बनाकर सल्फर डाइ ऑक्साइड को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। प्रशासन की ओर से सबसे पहले तहसीलदार गंगरार गजराज मीणा, डीएसपी भवानीसिंह राठौड़, सीआई गंगरार शिवलाल मीणा, चंदेरिया थाना से रईस मोहम्मद, नगर परिषद एवं बिरला सीमेंट से दमकलें व एम्बुलेंस, जिला पुलिस से क्यूआरटी व अन्य जाब्ता, जिला चिकित्सालय से एंबुलेंस, डिस्कॉम से एक्सइएन वीएस अत्री जीआरपी आदि भी मौके पर पहुंचे।
सेफ्टी हेड आदित्य सिंह ने मॉकड्रील संचालित की। अधिकारियों ने इसे सराहनीय एंव सफल बताते हुए आपदा स्थिति में तत्परता से प्रबंधन एंव बचाव राहत के कार्य के निर्देशित किया। आईओसीएल के टर्मीनल सेफ्टी ऑफीसर दीप्ति मूदंडा, चंदेरिया स्मेल्टर की सेफ्टी टीम से अभिषेक कोठारी, जीवीतेश उपाध्याय, अर्जुन डीएम, मिनाक्षी कुमावत, दीपक पटेल एवं शुभम ने भी सहयोग किया।