चित्तौड़गढ़, दर्शन न्यूज़, संजय खाबिया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के प्रताप नगर सेवा केंद्र पर श्री पूज्य विनोद चंद्र यति जी का जन्म दिवस मनाया गया।
इस उपलक्ष में सेवा केंद्र की संचालिका राजयोगिनी आशा दीदी ने उन्हें तिलक लगाकर साफा पहनाकर गुलदस्ता देकर के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
इस मौके पर यति जी ने सभी को खुश रहने का मंत्र देने के साथ-साथ जीवन में मेडिटेशन को अहम बताते हुए कहा कि हर कोई मेडिटेशन से जुड़े यह कठिन प्रक्रिया नहीं बल्कि बेहद आसान है मन को शांति इसी से मिलती है। उन्होंने कहा कि हम खुद को बदलना नहीं चाहते बल्कि संसार को बदलना चाहते हैं, आत्मा की उन्नति के लिए हमारे पास समय नहीं है संसार के लिए बहुत समय है लेकिन हमें खुद के लिए समय निकालने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य करने के पहले मन की स्थिति को तैयार करें चेक करें कि उस कार्य को करने के लिए मन कितना तैयार है साथ ही कर्म में आत्म संस्कार अर्थात ज्ञान सुख शांति प्रेम आनंद लाइए ताकि मानसिक शारीरिक अध्यात्मिक स्वास्थ्य बना रहे। उन्होंने ब्रह्माकुमारी विद्यालय की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि यहां पर सात्विक अन्न, अच्छा धन, सकारात्मक मन और स्वस्थ तन की परिकल्पना पर भी ध्यान दिया जाता है । आशा दीदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि विगत 25- 30 वर्षों से ब्रह्माकुमारी विद्यालय की सेवाएं दीदी जी के द्वारा की जा रही हैं जिसमें जन-जन तक ईश्वरीय संदेश पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है, ताकि हमारा समाज शांत और सुखी बन सके। उन्होंने वायदा किया कि वह भी इन ईश्वरीय कार्यों में समय प्रति समय सहयोगी बनेंगे।
आशा दीदी ने स्वागत सत्कार करते हुए कहा कि यति जी के कदम ईश्वरीय विश्वविद्यालय में पढ़ने से सभी को एक नया उमंग उत्साह आया है। दीदी ने कहा कि ओम शांति ऐसा मंत्र है जो जीवन को प्रेरणा ऊर्जा संकल्प और शक्ति देता है यह शब्द हमारे विचारों को सकारात्मक दिशा में ले जाता है और हमारा मन शक्तिशाली बनता है। राजयोग के निरंतर अभ्यास से हमारे जीवन के अनेक समस्याएं खत्म होती जाती है और जीवन की नई दिशा देने का कार्य भी राजयोग करता है। उन्होंने कहा कि अगर हमारा व्यक्तित्व अच्छा होगा तो सभी जगह पर हमारे गुणों से हमारी तारीफ होती रहेगी। बीके अनिता बहन ने सभी को राजयोग का अभ्यास करवाया । तीन बार ओम की ध्वनि कराई गई तथा सभी को प्रसाद वितरित किया गया।