चित्तौड़गढ़, दर्शन न्यूज़, संजय खाबिया । जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच चित्तौड़गढ़ के अध्यक्ष प्रभुलाल आमेटा, सदस्य राजेश्वरी मीणा व अरविन्द भट्ट ने अपने एक निर्णय में बैंक को बीमा कपंनी से परिवादी को एक लाख रुपये सहित अन्य बीमा राशि दिलाये जाने का आदेश दिया।
प्रकरणानुसार परिवादी लालुराम पिता कालुराम जटीया निवासी मंगलवाड़ ने एक परिवाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच चित्तौड़गढ़ में अधिवक्ता भगवतसिंह गिलुण्डिया, कुलदीप सुहालका के मार्फत इस आशय का पेश किया कि चांदी बाई तथा उसके पति कालुराम जटिया के विपक्षी बैंक में चार खाते खुलवाये हुए थे। इन खातों पर कृषि भूमि के आधार पर केसीसी लोन भी लिया हुआ था। लोन देने के उपरान्त बैंक द्वारा परिवादी के खातों पर एसबीआई लाईफ इंश्योरेंस का बीमा किया हुआ था तथा इन खातों से अलग अलग समय पर अलग अलग राशि बीमा प्रीमियम के रूप में काटी हुई थी जिसका इन्द्राज पासबुक में स्पष्ट था। सह खातेदार कालुराम जटिया की जीएसएस ठेकेदार के अधिनस्थ कार्य करने के दौरान 2 नवम्बर 2015 को विद्युत फाल्ट ठीक करने के दौरान करंट लगने से मृत्यु हो गई। संबंधित दुर्घटना की रिपोर्ट दर्ज होकर पोस्टमार्टम और पंचनाम भी तैयार किया गया। चांदी बाई द्वारा सम्पूर्ण दस्तावेज विपक्षी बैंक में प्रस्तुत कर बीमा क्लेम चाहा गया तो लम्बे समय तक बैंक द्वारा बीमा जानकारी नहीं दी गई। न तो बकाया लोन माफ हुआ और न ही बैंक द्वारा संबंधित बीमा कंपनी से बीमा राशि दिलाने के सार्थक प्रयास किये गये जबकि सामलाती खेत होने से सह खातेदार की मृत्यु पर समस्त केसीसी बकाया राशि निरस्त योग्य थी।
परिवाद पेश होने के बाद बैंक द्वारा बकाया ऋण राशि माफ कर दी लेकिन बीमा राशि अदा नहीं करवाई। इंश्योरेंस कंपनी द्वारा बीमा देरी से क्लेम पेश करने व दस्तावेज समय पर प्रस्तुत नहीं करने के आधार पर नो क्लेम कर दिया गया। बैंक द्वारा सभी बीमों के संबंध में न्यायालय में जानकारी उपलब्ध नहीं कराई। आयोग द्वारा दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विपक्षी बीमा कंपनी को एक लाख रुपये बीमा के अदा करने एवं विपक्षी बैंक को अन्य बीमा की राशि परिवादी को संबंधित बीमा कंपनी से दिलाये जाने का आदेश दिया।