बड़ी सादड़ी के बांसी गांव में शुक्रवार रात को निरंकारी मंडल चित्तौड़गढ़ द्वारा सत्संग का आयोजन किया गया। संयोजक धीरज कुमार पारेता द्वारा सत्संग में प्रवचन के दौरान कहा कि निरंकारी मिशन कोई धर्म, संप्रदाय मत नहीं है, कोई पंथ नहीं है। संत निरंकारी मिशन वह है जो हम भूल गए हैं। वह बता रहा है यहां पर आत्मा व परमात्मा की बात कही जा रही है। कि परमात्मा जानने योग्य है और जाना जा सकता है ।
उन्होंने कहा की हरि व्यापक सर्वत्र समाना, अहंकार व घमंड हमें परमात्मा को नहीं जाने देता है। शरीर के रहते परमात्मा को जान लिया तो अच्छा है। यह जीवन हमें मोक्ष प्राप्ति के लिए मिला है। सत्संग का फल आत्मा को परमात्मा से मिलन होता है। मानव मन के अंदर विकार भरे हुए हैं। जो सत्संग में जाने से खत्म होते हैं। सत्संग से इंसान बनते हैं। जिसमें प्रेम दया करुणा सहनशीलता वाले गुण आते हैं। जब तक हम चेतन को चेतन समझेंगे तभी हम पार उतर सकते हैं। ईश्वर की भक्ति करने के लिए घर परिवार व समाज को छोड़कर दर दर भटकने की जरूरत नहीं है। कोई भी इंसान जब सद्गुरू की शरण में आता है तो सद्गुरू उसकी आत्मा को परमपिता परमात्मा से जोड़ देता है।सद्गुरु इंसान को हर प्रकार के बंधनों से मुक्त कर देता है। जिनका सद्भाव सरल होता है। जो दासों का दास होता है राम को केवल प्रेम ही प्यारा होता है।
सत्संग के प्रारंभ में दुर्गाशंकर, कुणाल, राजेश, नंदलाल, मथुरा लाल, शीला, इंदिरा, आदि ने गीत विचार भजनों की प्रस्तुति दी। बाहर से आए महात्मा का माला व दुपट्टा द्वारा स्थानीय चेतन कुमार चौधरी, गोपीलाल बाकोलिया, नंदलाल बाकोलिया, दुर्गेश कुमार बाकोलिया ने स्वागत आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन भेरूलाल निरंकारी ने किया। इस अवसर पर सत्संग में बांसी गांव के श्रद्धालु वह गणमान्य नागरिकों ने भी भाग लिया।