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मेवाड़ यूनिवर्सिटी में शोध प्रोग्राम पर वेबिनार आयोजित हुआ

ज्यादा से ज्यादा विधार्थी शोध की ओर बढ़ाए कदमः वीसी डॉ. आलोक कुमार मिश्रा

चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में शोध के विभिन्न प्रोग्राम पर वेबिनार आयोजित हुआ। वेबिनार में रिसर्च निदेशक डॉ. चेताली अग्रवाल ने शोध क्षेत्र के विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला और शोध से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को विस्तार से समझाया। उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर, फॉर्माक्यूटिकल्स और आल्टरनेटिव थेरेपी समेत एक दर्जन से ज्यादा विषयों पर शोध के प्रोग्राम संचालित किए जा रहे है। यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार शोध के क्षे़त्र में गुणात्मक शिक्षा को बनाए रखने के लिए मास्टर डिग्री में जनरल में 55 प्रतिशतऔर ओबीसी एवं एससी कैटेगरी में 50 प्रतिशत मार्क्स होना अनिवार्य है।


वहीं यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर डॉ. आलोक कुमार मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि यूनिवर्सिटी में स्टूूडेंट्स के लिए शोध प्रोग्राम हेतु अच्छा माहौल बनाया गया है। शोध संबंधित विषयों के अच्छे विशेषज्ञों की निगरानी में कराई जाती है। भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। कृषि विज्ञान के साथ आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों  में भी तेजी से विकास हो रहा है। इसलिए स्टूडेंट्स को शोध के माध्यम से राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान देना चाहिए। यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स के लिए किताबों से लेकर ई-लाइब्रेरी तक की व्यवस्था है जिसके माध्यम से स्टूडेंट्स किसी भी विषय से लेकर शोध तक के क्षेत्र में ऑनलाइन अध्ययन कर सकते है। फिलहाल यूनिवर्सिटी मेे 100 बैड का मेवाड़ यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल संचालित है जो यूनिवर्सिटी के आसपास की आबादी को लाभान्वित कर रहा है। उन्होंने स्टूडेंट्स से आहृवान किया कि वे अपने रूचि का विषय लेकर रिसर्च जरूर करें, इससे उनकी बौद्धिकता का विकास होगा और उनके अंदर एक नई सोच विकसित होगी जो उनको जीवन में सफल बनाएगी।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि चेयरमेन डॉ. अशोक कुमार गदिया के प्रयासों का ही परिणाम है कि गंगरार जैसे रिमोट एरिया में मेवाड़ यूनिवर्सिटी की स्थापना होने से गुणात्मक एजुकेशन से वंचित क्षेत्र में स्टूडेंट्स के लिए उच्च शिक्षा का मार्ग प्रशस्त हुआ है। वर्तमान में यूनिवर्सिटी में न केवल राजस्थान बल्कि देश-विदेश के भी स्टूडेंट्स एजुकेशन प्राप्त कर रहे है। मेवाड़ यूनिवर्सिटी ने एजुकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत कई विदेशी यूनिवर्सिटी से भी समझौता किया हुआ है ताकि यहां के विधार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त हो सकें । वेबिनार का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर अंजलि त्रिपाठी और समापन निखिल गर्ग ने किया।

RISHABH JAIN
Author: RISHABH JAIN

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