दर्शन न्यूज़ डूंगला रिपोर्टर प्रवीण मेहता
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने मंगलवाड़ प्रवास पर संगठन के कार्यकर्ताओं से संक्षिप्त वार्ता और वार्षिक सदस्यता अभियान की समीक्षा की।शिक्षक समस्याओं पर चर्चा करते हुए पुष्करणा ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले शिक्षा सत्र में पांच हजार विद्यालयों को क्रमोन्नत तो कर दिया लेकिन एक साल बाद भी यहां न तो शिक्षक लगाए गए हैं और न ही पदों की स्वीकृति मिली। उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य नहीं है तो उच्च प्राथमिक में अध्यापकों का टोटा। ऐसे में यह कहा जाए कि विद्यालयों का सिर्फ साइन बोर्ड ही बदला है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। राज्य सरकार लगातार स्कूलों को क्रमोन्नत कर रही है । पिछले शिक्षा सत्र में कई विद्यालय क्रमोन्नत हुए हैं। इनमें से अधिकांश विद्यालय उच्च माध्यमिक बने। वर्तमान में राज्य में लगभग 18873 उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं जिनमे 17112 पद प्रधानाचार्य के स्वीकृत है।स्वीकृत पदों में भी सिर्फ 11383 पदों पर प्रधानाचार्य कार्यरत है और 5729 उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के पद रिक्त है। यह स्थिति भी चुनावी वर्ष में है जो शिक्षा के प्रति सरकार की संवेदनहीनता को दिखाता है ।आज प्रदेश में लगभग 1761 नव क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालन के आदेश होकर विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन उनमें प्रधानाचार्य के पद स्वीकृत भी नहीं है। ऐसे में इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में अपने भविष्य को लेकर संशय है। इनमें विषय विशेषज्ञ के तौर पर कम से कम तीन तीन व्याख्याताओं की नियुक्ति होती है।
प्रदेशाध्यक्ष पुष्करणा ने कहा कि सरकार के विद्यालय क्रमोन्नत करने के बाद सिर्फ स्कूल बोर्ड पर नाम बदला है, पहले जहां उच्च प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय लिखा हुआ था वहां अब उच्च माध्यमिक हो गया है।आज ये सारे विद्यालय बिना मुखिया के संचालित हो रहे हैं।
गांव में ही उच्च माध्यमिक विद्यालय होने पर अभिभावक खुश हुए तो
विद्यार्थियों ने भी सोचा अब पढ़ने के लिए दूसरे गांव नहीं जाना होगा। लेकिन इन विद्यालयों में विद्यालय के मुखिया के ही नहीं होने से पढ़ाई के साथ साथ विद्यालय की प्रशासनिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
पुष्करणा ने बताया कि पिछले तीन सत्र से अध्यापक से वरिष्ठ अध्यापक, वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता की डीपीसी भी बकाया चल रही है और लगभग 10000 व्याखाताओं को उप प्रधानाचार्य पद पर ऑफलाइन पदोन्नति देकर इनका पदस्थापन भी नहीं किया है। इस प्रकार ये सभी उप प्रधानाचार्य पदोन्नति के बाद भी ऑनलाइन व्याखाता है। संगठन ने अपने 11 सूत्री मांगपत्र के माध्यम से भी सरकार को अवगत कराया लेकिन कोई नया परिवर्तन सरकार के द्वारा इस दिशा में नहीं दिखाई देता है।आज भी नवक्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पूर्व के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षक ही सारी व्यवस्थाएं देख रहे हैं।आज शिक्षक कार्य के बोझ से दबा जा रहा है।एक और विद्यालयों में पूर्ण स्टाफ नहीं लगाया और जो है उन्हे लगातार गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया जा रहा है।संगठन ने समय पर लगातार सरकार को स्थिति से अवगत कराया है।आज प्रदेश के शिक्षक वर्ग में इस प्रकार की अव्यवस्थाओं से सरकार के प्रति आक्रोश है।इस अवसर पर जिला संगठन मंत्री रमेश चंद्र पुरोहित,जिला उपाध्यक्ष नाथू लाल डांगी,जिला शिक्षक सदस्य सुशील कुमार लड्डा,जिला प्रबोधक प्रतिनिधि चंदन सिंह शक्तावत, भारतीय किसान संघ ब्लॉक अध्यक्ष काशीराम शर्मा,उपशाखा के सभाध्यक्ष वर्दी सिंह रावत, उप सभाध्यक्ष रोशन लाल सालवी,प्रदीप कुमार वैष्णव,अध्यक्ष पूरण मल लौहार,मंत्री कमलेश चौधरी महिला मंत्री किरण डाबले ,कोषाध्यक्ष नरेंद्र कुमार सोनी वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र कुदाल,उपाध्यक्ष नरेश कुमार व्यास, उपाध्यक्ष महिला शर्मिला धनकड़,ऊंकार लाल मीणा,सुरेश चंद्र लौहार ,सुमित कुमार अग्रवाल, पृथ्वीराज गुर्जर,जगदीश चंद्र भट्ट नानूराम मीणा ,यशवंत सिंह गौड़ सहित कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
राज्य में कार्यवाहक के भरोसे विद्यालय,कैसे हो पढ़ाई पूरी :पुष्करणा
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