इंदौर। क्रांतिकारी इतिहास आने वाली पीढ़ी में जोश का संचार करके कर्तव्यों का बोध कराता है। उक्त विचार राष्ट्र संत कमल मुनी कमलेश ने संबोधित करते कहा कि विश्व के संपूर्ण संपत्ति दान देकर भी इतिहास का निर्माण नहीं किया जा सकता वह अनमोल कोहिनूर हीरे के समान है।
उन्होंने कहा कि इतिहास हमारी संस्कृति सभ्यता की रक्षाऔर संस्कार के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है
मुनि कमलेश ने बताया कि प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव भगवान के पुत्र भरत से भारत का नाम पड़ा इतिहास साक्षी है।
राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना परिवर्तन करना अथवा मिटाने का प्रयास करना साक्षात धर्म और परमात्मा का अपमान करने के समान है। सभा का संचालन महामंत्री रमेश भंडारी ने किया।