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आदेश्वर तीर्थ में सीध्दचक्र जी का माण्डला भर स्नात्र व नवपद की पूजा की

कानोड़(भरत जारोली) । पर्युषण महापर्व के बाद पहले रविवार को समाजजनों ने राजपुरा स्थित आदेश्वर तीर्थ में दोपहर 12.05 बजे नवकार महामंत्र जाप के साथ ही स्नात्र पूजा व सिध्दचक्र नवपद की पूजा का आयोजन सायंकाल 5.00 बजे तक किया गया।


सिध्दचक्र जी पुजा के तहत लाभार्थियों ने अरिहंतपद, सिध्दपद, आचार्यदपद, उपाध्याय पद, साधुपद, दर्शनपद, ज्ञानप्रद, चरित्रपद, व तपपद की पूजा मंत्र, गाथा, त्रोटक, वस्तुछन्द के उच्चारण के साथ परमात्मा की अष्ट पूजा व नवअंग पूजा कर आरती की । अष्ट पूजा के तहत जल, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, एवं फल पूजा कर परमात्मा को अर्पित किये।


युवक मण्डल ने आदेश्वर दादा की प्रतिमा को चांदी व बरक की आंगी कर अंगरचना की। पूजा के दौरान परमात्मा तीर्थंकर आदिनाथ, नेमिनाथ, शांतिनाथ, पार्श्वनाथ एवं वीरप्रभू को कुष्माजंलि अर्पित की गई। पूजा के मध्य में परमात्मा को रिझाने के लिए उपस्थित भक्तों ने वाद्ययंत्रों की मधुर ध्वनि के साथ भजनों की प्रस्तुतियां दे समा बाधंते हुए वातावरण को भक्तिमय बनाया। इस मौके पर जिला मुख्यालय उदयपुर से 4 बसों एवं अन्य वाहनों से धर्म प्रेमी आदेश्वर तीर्थ पहुंचे। पूजा के अंत में सांयकाल गौतम प्रसादी का आयोजन किया गया।

मंदिर मण्डल के कमलेश जारोली ने सभी उपस्थित धर्म प्रेमी बंधुओं बहनों को धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया।

RISHABH JAIN
Author: RISHABH JAIN

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