इस घटना का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उदयपुर की सभा में किया था
उदयपुर। शहर के अंबामाता क्षेत्र में बकरियां चराने गई महिला की हत्या की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। जिसमें सनसनीखेज मामला सामने आया है। 40 वर्षीया विवाहिता की हत्या उसके 28 वर्षीय प्रेमी ने इसलिए कर दी कि वह उसके नाते नहीं आना चाहती। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। विवाहिता की हत्या की घटना का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उदयपुर में 9 नवम्बर को आयोजित चुनावी सभा में किया था और प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेरा था।
जिला पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि ब्लाइंड मर्डर माने जा रहे इस हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने दो दिन में कर दिया। हालांकि मृतका का बेटा का कयास था कि उसकी मां की हत्या नशे के लिए पैसों की लूट के लिए किया गया होगा। पुलिस ने घटनास्थल से सटे आबादी क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तब पुलिस हत्या के आरोपी तक पहुंची। पुलिस ने दिहाड़ी मजदूरी करने वाले 28 वर्षीय अमराराम उर्फ किशन को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। जिसने कबूल किया कि उसके और मृतका कालीबाई के बीच संबंध थे। वह भी लंबे समय से अपनी पत्नी से अलग रह रहा था और काली बाई भी अपने पति से अलग रह रही थी। दो साल पहले मजदूरी करते समय वह काली बाई से संपर्क में आया और दोनों के बीच संबंध बन गए थे। वह कालीबाई को उसके परिवार के पालन-पोषण के लिए समय-समय पर अपनी कमाई का हिस्सा देता था। काली बाई के मजदूरी छोड़ देने के चलते उनका पिछले कुछ समय से संपर्क नहीं हो पाया। दोनों मोबाइल नहीं रखते थे इसलिए उनके बीच बातचीत नहीं हो पा रही थी। दो दिन पूर्व वह कालीबाई से एकांत में बात करने के इरादे से आया था। उसने पता लगाया कि काली बाई बकरियां चराने के लिए पेंटीकोस्टल चर्च के पीछे वन क्षेत्र में जाती है। अमराराम भी वहां उसका पीछा करता हुआ पहुंचा था। जहां अमराराम ने कालीबाई से उसके साथ नाते चलने की बात कही। कालीबाई के इंकार करने पर दोनों के बीच झगड़ा भी हुआ। अमराराम ने कालीबाई से जबरन संबंध बनाने चाहे लेकिन वह इसमें सफल नहीं रहा तो उसने गुस्से में आकर अपने पास पहले से लाई गई कुल्हाड़ी से उस पर हमला कर दिया। एक ही वार में कालीबाई की मौके पर मौत हो गई थी। उसने बताया कि दुष्कर्म की कोशिश तथा कालीबाई के विरोध के चलते उसके कपड़े फट गए थे। आरोपी ने बताया कि वह अकसर जहां मजदूरी करता था, वहीं रात गुजारता था। उसके पास स्थायी बसेरा नहीं था, ऐसे में कालीबाई उसके पास रहना नहीं चाहती थी।
क्या है नाता प्रथा
उदयपुर तथा बांसवाड़ा संभाग में आदिवासी रीतिरिवाज से शादी करने की बजाय बिना शादी किए बतौर पति-पत्नी रहते हैं। जिसमें महिला और पुरुष की आपसी सहमति होती है। जिसे आदिवासी क्षेत्र में समाज की ओर से मान्यता है। इसे वह नाता प्रथा कहते हैं।