मानसून ने मौसम विभाग के सभी कयास धो दिए। उदयपुर में लगातार दूसरे साल तय समय 25 जून को एंट्री की। विभाग का दावा था कि यह 28 जून तक आएगा। मानसून के आगमन से पहले सोमवार की आधी रात बाद यानी मंगलवार शुरू होने पर एक बजे तक प्री-मानसून कई इलाकों में खूब बरसा। इसके बाद मानसून ने एंट्री ली, लेकिन शहर में पूरा दिन सूखा बीता।
मंगलवार को दिनभर तेज धूप-बादलों के साथ भीषण उमस रही। प्री-मानसून की वजह से मंगलवार को एक इंच से ज्यादा 26.1 मिमी बारिश दर्ज हुई। अधिकतम तापमान में 0.8 डिग्री की बढ़ोतरी होकर पारा 35 डिग्री रहा। न्यूनतम भी 0.5 डिग्री बढ़कर 22.2 डिग्री पर पहुंचा। डबोक में दिन का पारा 34.7 डिग्री और रात का पारा 24.6 डिग्री रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक उदयपुर में मानसून आने की औसत तारीख 25 जून और जाने की 25 सितंबर तय है। खास बात यह है कि मानसून लेट आए या समय पर, उदयपुर में औसत से ज्यादा ही बारिश हुई है। हालांकि, वर्ष 2021 में जरूर समय से पहले आने के बावजूद 11 मिमी बारिश कम हुई थी। बीते साल मानसून तय समय 25 जून को आया था। तब जून माह में 192.6 मिमी और मानसून के पूरे सीजन में 695.6 मिमी बारिश हुई थी।
विभाग क्यों बता रहा था चार दिन देर से आएगा?
प्रदेश में बंगाल की खाड़ी की पूर्वी हवाओं से मानसून आता है। 10 जून को अरब सागर से मानसून महाराष्ट्र आया तब ओडिशा पर प्रति चक्रवात बना। खाड़ी की पूर्वी हवा कमजोर हुई व पश्चिमी गर्म हवाओं का जोर बढ़ा। इसी को देखते हुए विभाग ने मानसून में 3-4 दिन तक की देरी बता दी।
फिर तय समय 25 जून को ही एंट्री क्यों हो गई?
प्रतिचक्रवात का असर खत्म होते ही मानसून ने 21 जून को मप्र में एंट्री की। गुजरात में अटका मानसून भी आगे बढ़ा। यहीं से प्रदेश में मानसून आता है। दोनों राज्यों में मानसून एक्टिव होते ही विंड पैटर्न तेजी से बदला और पूर्वी हवाओं की गति बढ़ी। इससे 27-28 जून की जगह मानसून 25 जून को ही आ गया।
बारिश सामान्य होगी या कम, या खूब बरसेगा?
मौसम विज्ञान के अनुसार इस बार अलनीनो का प्रभाव न्यूट्रल हो गया है। मानसून के अन्य पैरामीटर भी सामान्य हैं। ऐसे में इस साल मानसून सामान्य या इससे अधिक रहेगा। उदयपुर का रिकॉर्ड भी औसत से अधिक बारिश का है। बूंद-बूंद से हमारी झीलें भरेंगी, पहाड़ हरे-भरे होंगे। पर्यटन बढ़ेगा।