उदयपुर में एक सप्ताह पहले बजरंग दल के विभाग संयोजक राजेन्द्र उर्फ राजू परमार की हत्या के मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया हैं। हालांकि पुलिस अभी भी इस मामले में ज्यादा कुछ बोलने से भी बच रही हैं। विजय मीणा नाम के इस आरोपी को हायर उसे राजू परमार को को मारने का टारगेट दिया गया था। वही हत्या के बाद सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी लेने वाला प्रीतम सिंह उर्फ बंटी अब तक पुलिस की पकड़ से दूर हैं। उसे पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें लगातार काम रही हैं।
मामले का खुलासा करते हुए एसपी विकास शर्मा ने बताया कि राजू परमार की हत्या के मामले में प्राथमिक तौर पर संपति विवाद और दुश्मनी का एंगल सामने आया हैं। राजू की हत्या के पीछे जेल में बंद दिलीपनाथ की भूमिका भी संदिग्ध है। इसकी जांच की जा रही है। बंटी उर्फ प्रीतमसिंह और विजय मीणा ने मिलकर राजू परमार की हत्या की थी। जयपुर के कोटपुतली क्षेत्र के रहने वाले शूटर विजय मीणा को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से पिस्टल और 5 जिंदा कारतूस बरामद किए हैं। सोमवार को विजय मीणा को पकड़ा गया, जिससे पूछताछ जारी हैं। उसने बंटी के साथ मिलकर राजू को गोली मारकर हत्या करना स्वीकार किया हैं।
एसपी शर्मा ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि विजय मीणा जयपुर जेल और प्रदेश की अन्य जेलों में रह चुका हैं, ऐसे में उसका दिलीपनाथ से दोस्ती हो, यह भी संभव हैं। कुछ दिन पहले विजय को बंटी ने राजू परमार की हत्या के लिए उदयपुर बुलाया था। इस पर कई दिनों से बंटी के साथ वो उसके घर पर ही रूका हुआ था और वारदात को अंजाम देने की तैयारी में था। बंटी ने उसे संपति विवाद में राजू परमार की बात कही थी। इसके लिए उसे आर्थिक मदद की बात भी कही थी। शर्मा ने कहा कि बंटी उर्फ प्रीतमसिंह के पकड़े जाने पर ही कई चीजे खुलकर सामने आ पाएगी। बंटी से राजू परमार की सीधा संपति विवाद था या उसने दिलीपनाथ के कहने पर इस मर्डर का प्लान बनाया था।