मुख्यमंत्री ने बजट में लोगों की सेहत से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं की। इसमें सबसे बड़ी घोषणा चिरंजीवी योजना का पैकेज 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करना थी। उदयपुर में 6 लाख 78 हजार 502 परिवारों को इस घोषणा का सीधा लाभ मिलेगा। क्रिटिकल केयर ब्लॉक निर्माण के लिए 206 करोड़ की बड़ी घोषणा हुई है। इसके अलावा सीएचसी पर जांचों का दायरा 37 से बढ़ाकर 60 करने का भी लोगों को बड़े स्तर पर फायदा होगा। चिरंजीवी योजना के तहत निजी अस्पतालों पर अब हर वर्ग और गरीब तबके को उपचार मुहैया कराने की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी।
हालांकि इस घोषणा का सबसे ज्यादा फायदा भी निजी अस्पतालों को ही होगा। क्योंकि सरकारी अस्पतालों में तो पहले वाला 10 लाख का बजट ही पर्याप्त था, लेकिन बड़े और गंभीर रोगों के लिए प्राइवेट हॉस्पिटलों में ये बजट कम पड़ता था। चिरंजीवी लाभार्थियों की संख्या के मामले में उदयपुर संभाग प्रदेश में टॉप पर रहा है।
रजिस्ट्रेशन और उपचार के मामले में आरएनटी का जनाना अस्पताल राज्य में पहले नंबर पर है। सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में कुल आईपीडी के 80 से 85 प्रतिशत मरीजों को योजना में रजिस्टर्ड किया जा रहा है, जो कि बीते सात महीनों में प्रदेश में सबसे ज्यादा है। इस अस्पताल में सालाना प्रति बेड होने वाली आय भी प्रदेश के दूसरे चिकित्सा संस्थानों से ज्यादा है। यहां औसत के हिसाब से प्रति करीब 7 लाख रुपए है।
जिले में 37 सीएचसी, 30 पर चिरंजीवी योजना में उपचार
जिले में 118 पीएचसी और 37 सीएचसी हैं। इनमें 30 सीएचसी पर चिरंजीवी योजना की सुविधा दी जा रही है। अब इन सीएचसी में भी जिला स्तरीय अस्पताल की तरह 60 तरह की जांच सुविधा की घोषणा की गई है। वर्तमान में सीएचसी में कुल 37 तरह की जांच हो रही हैं। वहीं पीएचसी लेवल पर जांचों का आंकड़ा 15 ही है। वहीं जिला अस्पताल में अब तक 56 तरह की जांचें हो रही थी। अब इनमें 4 जांचों को और जोड़ा जाएगा। सीएमएचओ डॉ. शंकरलाल बामनिया की मानें तो दिसम्बर 2022 तक उदयपुर में 6 लाख 78 हजार 502 परिवारों को योजना से जोड़ा जा चुका है। इसमें योजना लागू होने के बाद से अब तक 2 लाख तीन हजार 470 परिवार लाभान्वित हो चुके हैं।