सरकार की चिरंजीवी याेजना से निजी बीमा कंपनियाें के बिजनेस पर 15 से 20 फीसदी की गिरावट आई है। बीमा कंपनियाें की ओर से 10 लाख के हेल्थ इंश्याेरेंस पर 10 से 12 हजार रुपए की प्रीमियम और 25 लाख के इंश्याेरेंस पर 20 से 30 हजार रुपए की प्रीमियम चुकानी पड़ती है। अब सरकार की चिरंजीवी याेजना से निजी बीमा कंपनियाें के व्यापार पर फर्क पड़ने लगा है।
सीएम अशाेक गहलाेत ने एक मई 2021 काे चिरंजीवी याेजना लागू की थी। उस वक्त पांच लाख रुपए तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा हुआ। इसे बढ़ाकर पहले दस लाख रुपए किया और अब इस बजट में 25 लाख रुपए कर दिया है। यह याेजना लागू हाेने के बाद अकेले भीलवाड़ा में 4.75 लाख लाेगाें ने चिरंजीवी की बीमा पाॅलिसी ली है। प्रदेश के 1.3 करोड़ परिवार चिरंजीवी में पंजीकृत है।
25 लाख रुपए में पूरे परिवार का स्वास्थ्य बीमा, जिसका प्रीमियम मात्र 850 रुपए सालाना। वहीं दूसरी ओर 25 लाख के स्वास्थ्य बीमा पर प्रीमियम 20 से 30 हजार रुपए सालाना आती है। चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू होने के बाद राजस्थान देश में पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने अपने नागरिकों को चिकित्सा सेवाओं के लिए निश्चिंत कर दिया है। गरीब, बीपीएल, कृषक, संविदाकर्मी सहित निराश्रित एवं असहाय परिवारों के लिए चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में निशुल्क उपचार किया जा रहा है। इनसे किसी भी प्रकार का प्रीमियम नहीं लिया जा रहा है, पूरा खर्च राज्य सरकार स्वयं वहन कर रही है।
तीन हजार प्रकार की बीमारियों के इलाज निशुल्क
कैंसर, किडनी रोग, हार्ट बायपास, न्यूरो संबंधी, कोविड-19, ब्लैक फंगस जैसी करीब 3219 प्रकार की गंभीर और सामान्य बीमारियों के पैकेज इस योजना में शामिल हैं। जिसमें मरीजों को सरकारी और चिन्हित निजी अस्पतालों में 10 लाख रुपए तक के कैशलेस उपचार की सुविधा मिल रही है। मरीज जिस बीमारी के लिए अस्पताल में भर्ती होता है, उसके 5 दिन पहले एवं डिस्चार्ज के 15 दिन तक उस बीमारी से संबंधित उस अस्पताल में की गई जांचों, दवाइयों एवं डॉक्टर के परामर्श शुल्क का व्यय उस पैकेज की राशि में सम्मिलित है।
टारगेट पूरे करना मुश्किल हुआ
निजी बीमा कंपनी के एक प्रतिनिधि ने बताया कि चिरंजीवी याेजना लागू हाेने के बाद हमारे बिजनेस पर 15 से 20 फीसदी का असर पड़ा है। क्याेंकि जब चिरंजीवी में क्लेम मिलने के बाद मुफ्त में इलाज हाेने लगा ताे निजी बीमा कंपनियाें की पाॅलिसी लेने में रुचि कम हुई है। अभी टारगेट पूरे करने में समस्या है क्याेंकि हमारे यहां 25 लाख रुपए का हेल्थ इंश्याेरेंस लेने पर 20 से 30 हजार रुपए की प्रीमियम चुकानी पड़ती है। चिरंजीवी में मात्र 850 रुपए में कैसलेस उपचार मिल रहा है।
12 लाख परिवार दे रहे ~850 प्रीमियम
निशुल्क श्रेणी के लाभार्थी
- पंजीकृत लाभार्थी परिवार : 13,782,951
- कृषक(लघु और सीमांत) : 1,203,407
- समस्त संविदाकर्मी : 54,122
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम : 10,974,079
- सामाजिक जनगणना 2011 के पात्र परिवार : 7,484
- निराश्रित एवं असहाय परिवार : 3,27,153
- निशुल्क श्रेणी के अलावा अन्य परिवार, जिनका 850 रु सालाना प्रीमियम लगता है : 1,216,706
- कुल लाभांवित संख्या : 2,948,207
फैक्ट फाइल
- 18 निजी अस्पताल शामिल
- 4.75 लाख लाेगाें का चिरंजीवी में बीमा
- 47 अस्पतालाें में हाेता है उपचार
- 1, 75, 689 ने उठाया क्लेम
- 83,28,73,301 रुपए का क्लेम उठाया
यह आंकड़े एक मई 2021 से 06 फरवरी 2023 तक के हैं।
अभी जिले में करीब 4.75 लाख लाेगाें का चिरंजीवी में पंजीयन हुआ है। एक मई 2021 से 06 फरवरी 2023 तक करीब 1 लाख 75 हजार 689 ने क्लेम के लिए आवेदन किया। इनकाे 83 कराेड़ 28 लाख 73 हजार 301 रुपए का क्लेम मिला है। डाॅ. मुस्ताक खान, सीएमएचओ
एक जनाधार में शामिल पूरा परिवार…
आमतौर पर देखा जाए तो निजी बीमा कंपनियां भी परिवार का स्वास्थ्य बीमा करती है, लेकिन इस बीमा योजना में कई नियम और शर्तें लागू होती हैं। मसलन परिवार के अधिकतम 4 या 6 सदस्य ही इस योजना में जुड़ सकते हैं। पति, पत्नी, बच्चे, वृद्ध माता-पिता और सास-ससुर। इसमें भी कई शर्तें हैं। वृद्ध माता-पिता की उम्र के अनुसार अलग-अलग पॉलिसी होगी। यदि कोई गंभीर बीमारी है, तो पॉलिसी के नियम अलग होंगे।
बीमा कंपनियां पाॅलिसी देने से पहले परिवार के हर सदस्य का हेल्थ चेकअप करवाती है। गंभीर बीमारी होने पर परिवार के उस सदस्य को दो या तीन साल तक प्रीमियम भरने पर ही पॉलिसी में शामिल करती है। यदि परिवार में कोई अविवाहित भाई या बहन है, जो एक ही कमाने वाले व्यक्ति पर निर्भर करता है, उसे कोई भी बीमा कंपनी परिवार की पॉलिसी में शामिल नहीं करती है।
ऐसे सदस्यों के लिए अलग से स्वास्थ्य बीमा लेना पड़ता है। कुल मिलाकर निजी कंपनियों की बीमा पॉलिसी कम आय वाले किसी भी व्यक्ति को उलझाने के लिए काफी है। लेकिन चिरंजीवी योजना में कोई उलझन नहीं है। इसमें जुड़ने के लिए परिवार के पास केवल एक जन आधार कार्ड की आवश्यकता है। इस कार्ड की मुखिया महिला होती है और इसमें दर्ज होने वाला सदस्य चाहे वह एक साल का हो या 100 वर्ष का, परिवार में कितने भी सदस्य हों, चिरंजीवी योजना का लाभ लेने के अधिकृत हैं। बिना किसी नियम व शर्तों के।